भारत में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। लाखों युवाओं का सपना होता है इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करना और देश की सेवा में योगदान देना। हाल ही में 2024 की यूपीएससी टॉपर्स लिस्ट जारी की गई है, जिसमें शक्ति दुबे ने ऑल इंडिया रैंक 1 प्राप्त की है। उनके साथ-साथ देशभर से कई प्रेरणादायक कहानियां सामने आईं, जिनमें एक नाम है – इकबाल अहमद।
खराब हालातों के बावजूद क्रैक किया UPSC
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के नंदौर कस्बे के निवासी इकबाल अहमद ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 998वीं रैंक प्राप्त कर अपने परिवार और पूरे समुदाय को गौरवान्वित किया है। इकबाल बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर थे, और उनके इस जुनून में उनके परिवार ने हर कदम पर साथ दिया, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न रहे हों।
पिता चलाते थे साइकिल रिपेयर की शॉप
इकबाल के पिता, मकबूल, करीब पंद्रह साल पहले नंदौर चौक पर एक साइकिल रिपेयर की दुकान चलाते थे। आर्थिक स्थिति सामान्य नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने चारों बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इकबाल सबसे छोटे थे, और उन्हें लेकर मकबूल की उम्मीदें भी सबसे ज्यादा थीं।
जब बड़े बेटे सैयद अली ने घर से पेंटिंग का काम शुरू किया, तब मकबूल ने अपनी दुकान बंद कर दी और घर से ही काम करने लगे, जिससे इकबाल की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।
नौकरी के साथ की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी
इकबाल ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई नंदौर से पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए गोरखपुर चले गए। फिर उन्होंने दिल्ली का रुख किया जहां वे श्रम विभाग की एक सुरक्षित सरकारी नौकरी में लग गए। लेकिन उनका सपना सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं था, उनका लक्ष्य था UPSC क्लियर करना। उन्होंने अपनी नौकरी के साथ-साथ मेहनत जारी रखी और अंततः UPSC में सफलता हासिल की।
मिले सपनों को पंख
इकबाल की कहानी यह बताती है कि अगर इरादे मजबूत हों और परिवार का साथ हो, तो कोई भी बाधा सफलता की राह नहीं रोक सकती। उन्होंने दिखा दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, सच्ची लगन से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है।