Year Ender 2025: भारत के लोग दुनियाभर में काम करने के लिए जाते हैं. लेकिन इमिग्रेशन कानूनों का उल्लंघन करने की वजह से इनमें से कई लोगों को डिपोर्ट का सामना करना पड़ता है. अवैध रूप से देश में घुसना, वीजा खत्म होने के बाद भी रहना, बिना अनुमति के काम करना या उस देश में अपराध करना जैसे कुछ ऐसे कारण हैं, जिसकी वजह से भारतीयों को साल 2025 में डिपोर्ट किया गया है. राज्यसभा में पेश किए गए विदेश मंत्रालय के लेटेस्ट डेटा के अनुसार, साल 2025 में 81 देशों से 24600 से ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट किया गया.
आंकड़े आपको हैरान कर देंगे, क्योंकि जिस देश ने सबसे ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट किया है, उसमें अमेरिका काफी पीछे है. सबसे ज्यादा डिपोर्टेशन अमेरिका से नहीं, बल्कि सऊदी अरब से हुए. एक साल के भीतर सऊदी अरब से 11000 से ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट किया गया.
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टॉप -5 देशों से सबसे ज्यादा निकाले गए भारतीय
सऊदी अरब - 11000
अमेरिका - 3800
म्यानमार - 1591
मलेशिया - 1485
यूएई - 1469
पिछले 5 साल में किसने सबसे ज्यादा भारतीयों को डिपोर्ट किया
वहीं, 2025 में अमेरिका से सिर्फ 3800 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें अधिकांश प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी थे. हालांकि अगर पिछले पांच साल के आंकड़े पर गौर करें तो यह संख्या अमेरिका से सबसे ज्यादा है. एक्सपर्ट्स इसका कारण ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में की गई सख्ती और डॉक्यूमेंट्स, वीजा स्टेटस, वर्क ऑथराइजेशन, ज्यादा समय तक रुकने आदि की बढ़ी हुई जांच को बताते हैं.
वीजा की वैलिडिटी खत्म होने के कारण कहां से कितने भारतीयों को डिपोर्ट किया गया
वीजा की वैलिडिटी खत्म होने के कारण जिन देशों में भारतीयों को बड़ी संख्या में डिपोर्ट किया गया, उनमें ये देश शामिल हैं:
म्यांमार : 1591
UAE : 1469
बहरीन : 764
मलेशिया : 1485
थाईलैंड : 481
कंबोडिया : 305
विदेश मंत्रालय के ताजा डेटा के अनुसार, डिपोर्टेशन के आम कारण, खासकर खाड़ी देशों से, वीजा या रेजिडेंसी की अवधि से ज्यादा रहना, बिना वैलिड वर्क परमिट के काम करना, लेबर कानूनों का उल्लंघन, मालिकों से भाग जाना और सिविल या क्रिमिनल मामलों में शामिल होना हैं.