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क्या FASTag होगा बंद? टोल प्लाजा पर जाम से मिलेगी मुक्ति, जानें- कैसे काम करेगी नई टेक्नोलॉजी

New Technology GNSS For Toll Tax Collection : सरकार जल्दी ही FASTag की सुविधा बंद कर सकती है। सरकार टोल टैक्स लेने के लिए सैटेलाइट आधारित नई तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इस सिस्टम को जल्द ही देश में शुरू किए जाने का प्लान है। इसके शुरू होने के बाद टोल टैक्स प्लाजा पर लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।

Fastag होगा बंद।
New Technology For Toll Tax Collection : FASTag सुविधा शुरू होने के बाद भी टोल प्लाजा पर लंबी-लंबी लाइनों से काफी हद तक मुक्ति मिल गई है। हालांकि कई बार टोल प्लाजा को क्रॉस करने में आधा-एक घंटा तक लग जाता है। FASTag की शुरुआत होने के बाद माना जा रहा था कि टोल प्लाजा पर लंबी लाइन से मुक्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं हो सका। सरकार अब टोल टैक्स लेने के लिए एक नई टेक्नोलॉजी शुरू करने वाली है। इस टेक्नोलॉजी के शुरू होने से FASTag और टोल प्लाजा दोनों बंद हो सकते हैं। नई टेक्नोलॉजी शुरू होने के बाद टोल की रकम अपने आप कट जाएगी।

क्या है नई तकनीक 

देश की सभी गाड़ियों को सैटेलाइट बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से जुड़े इस टोल कलेक्शन के कारण गाड़ियों को फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। साथ ही टोल प्लाजा को भी धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा। GNSS को गाड़ियों में लगाया जाएगा। गाड़ी जितनी दूर चलेगी, उस हिसाब से टोल टैक्स लगेगा। टोल टैक्स देने के लिए न तो किसी लाइन में लगना होगा और न ही किसी बैरियर को पार करना होगा। सब कुछ सैटेलाइट के जरिए ऑटोमेटिक हो जाएगा। ऐसे में टोल पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा। [caption id="attachment_744085" align="alignnone" ] Fastag होगा बंद।[/caption]

ऐसे करेगी काम

जहां भी टोल प्लाजा होंगे, वहां दो या इससे ज्यादा GNSS लेन होंगी। इन लेन पर हाई क्वॉलिटी के रीडर लगे होंगे। जब वाहन इन लेन से गुजरेगा तो ये रीडर उस गाड़ी की पहचान कर लेंगे जिनमें GNSS लगा होगा। ऐसी गाड़ियां बिना लाइन में लगे फर्राटे मारते हुए निकल जाएंगे। यह रीडर कैल्कुलेशन करेगा कि वह गाड़ी कितने किमी चली है। इसके आधार पर चार्ज अप्लाई होगा। बाद में वह चार्ज अकाउंट से कट जाएगा, ठीक इस तरह जैसे अभी FASTag से कट जाता है। अगर कोई इस लेन से बिना GNSS लगी कोई गाड़ी गुजरती है तो उससे एक्स्ट्रा चार्ज लिया जाएगा।

शुरू में इन वाहनों को मिलेगी सुविधा

सैटेलाइट बेस्ड यह टोल कनेक्शन सुविधा कमर्शियल वाहनों के लिए शुरू की जाएगी। इसके बाद इसे दूसरे व्हीकल के लिए शुरू किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार अगले दो साल में GNSS को अगले दो सालों में सभी टोल कलेक्शन पर लगा दिया जाएगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से इस मामले में ग्लोबल कंपनियों को इनवाइट किया गया है। इसका उद्देश्य GNSS बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को भारत में लागू करना है। इसके लागू होने के बाद FASTag सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा। यह भी पढ़ें : TV में नहीं चलेगा Netflix, एप्पल यूजर्स को तगड़ा झटका


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