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कैसे एक फ्लॉप प्लान ने खड़ी कर दी Swiggy, पढ़ें कंपनी की सक्सेस स्टोरी

Swiggy Success Story: कंपनी की सक्सेस स्टोरी काफी मजेदार है। प्लान कुछ और था लेकिन कामयाबी ऑनलाइन फूड डिलीवरी बिजनेस में मिला।

Photo Credit: SugarMint
Swiggy Success Story: भारत तेजी से डिजिटल हो रहा है। कुछ समय पहले जहां हम बाजार में जाकर फ्रिज, वाशिंग मशीन और टीवी खरीदा करते थे, वहीं अब घर बैठे कुछ ऐप्स के जरिए ऑनलाइन ऑर्डर कर देते हैं और कुछ दिन बाद वह प्रोडक्ट हमारे घर पर आ जाता है। न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक आइटम बल्कि फूड आइटम्स का भी अब घर पर बैठकर मजा ले सकते हैं। साथ में भारत के उन लाखों करोड़ों स्टूडेंट्स को भी इससे मदद मिली है, जो अपने घर से दूर पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में रहते हैं। ऑफिस से आकर थकान हो गई है, खाना बनाने का मन नहीं कर रहा तो ऑनलाइन आर्डर करके खाना मंगा लिया, ये आज के समय में बहुत नॉर्मल बात है। इसी क्रम में हम बात करेंगे स्विगी की, क्योंकि इस कंपनी ने वह करिश्मा करके दिखाया है जो दूसरा कोई स्टार्टअप नहीं कर पाया। कैसे लॉस मेकिंग आईडिया एक 4,000 करोड़ की कंपनियां में बदल गया? इसके बारे में जानकारी देते हैं।

लॉजिस्टिक का प्लान

दरअसल दो दोस्त Rahul और Sriharsha जो की बिट्स पिलानी में साथ पढ़ते थे। Rahul ने लंदन में बैंक की नौकरी भी की। लेकिन मन नहीं लगा तो भारत वापस लौट आए और अपने दूसरे साथी Sriharsha के साथ मिलकर यह विचार किया कि अब अपना बिजनेस शुरू करना है। दोनों ने मंथन किया क्या किया जाए। कई दिनों तक रिसर्च की। जिसके बाद उन्होंने अपना लॉजिस्टिक का बिजनेस शुरू किया।

पहले बिजनेस से नहीं बना कोई प्रॉफिट

1 साल बीत रहा था लेकिन अभी तक कोई भी मुनाफा वह नहीं कमा पा रहे थे। परेशान होकर दोनों ने उस बिजनेस को बंद करने का विचार किया। फिर से दोनों ने बाजर की तरफ रुख किया और फिर से रिसर्च की। सोच रहे थे कि वह कौन सा बिजनेस चुनें जो उनका सपना पूरा कर सकता है। तब उन्होंने पाया कि इंडिया में फूड डिलीवरी का स्कोप अच्छा खासा हो सकता है। यह बात है साल 2014 की।

तीसरे साथी की हुई एंट्री

अब दोनों मैनेजमेंट को अच्छी तरह से जानते थे, लेकिन टेक्निकल ज्ञान इतना मजबूत नहीं था। इसलिए उन्होंने अपने तीसरे दोस्त नंदन को अपने साथ जोड़ा, जो की कोडिंग में महारत हासिल किए हुए थे। फिर क्या था तीनों ने मिलकर स्विग्गी कंपनी 2014 में बेंगलुरु से शुरू कर दी।

जियो ने दी रफ्तार

कंपनी शुरू करने के 1 महीने में उनके पास सिर्फ पांच डिलीवरी बॉय और 12 रेस्टोरेंट साथ में थे। देखते ही देखते 1 साल में इन्होंने 500 रेस्टोरेंट अपने साथ जोड़ने में सफलता हासिल कर ली। इसके बाद साल 2016 में एंट्री होती है जिओ की। जिसने भारत के टेलीकॉम सेक्टर में एक नई क्रांति ला दी। हर कोई अब ऑनलाइन सर्च के साथ यूट्यूब देखना पसंद कर रहा था।

लॉन्च किया स्विगी का ऐप

इसी ट्रेंड ने स्विगी को रॉकेट के जैसी स्पीड दी। इसी तेजी को देखते हुए तीनों ने स्विगी का ऐप भी लॉन्च कर दिया। जिसके बाद तो कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं। कंपनी के भविष्य को देखते हुए 2 मिलियन डॉलर की फंडिंग भी आसानी से मिल गई। यह भी पढ़ें- JIO का एक और तोहफा, स्टोरेज की समस्या से मिलेगी छुट्टी

बन गई 900 मिलियन डॉलर की कंपनी 

आज हम बात करते हैं जोमैटो, फूडपांडा की जिन्होंने अपनी सक्सेस स्टोरी से कई दिग्गजों को पीछे छोड़ा है। वहीं स्विग्गी एक ऐसा स्टार्टअप बन के सामने आई जो एक फ्लॉप प्लान के बाद शुरू की गई थी, लेकिन आज साल 2023 में कंपनी का मुनाफा 900 मिलियन डॉलर का है।


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