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घर-घर दूध बेचने वाला कैसे बना दुबई का सबसे धनी भारतीय, खड़ा कर द‍िया 20830 करोड़ रुपये का सम्राज्‍य

Success Story: आपका शुरुआती जीवन कैसा है, ये बात आपका भव‍िष्‍य नहीं तय करती. जो चीज आपको सफल बनाती है, वह आपकी मेहनत और आपका नजर‍िया है. र‍िजवान साजन की सफलता की कहानी से आपको यही सीखने को म‍िलेगा.

Rizwan Sajan Success Story: दुबई अपनी आलीशान संपत्तियों, आसमान छूते टावर और इन्फिनिटी पूल के ल‍िए जाना जाता है. लेक‍िन क्‍या आपको पता है क‍ि दुबई एक ऐसे शख्‍स का घर बन गया है, ज‍िसने कभी अपने पर‍िवार के भरण पोषण के ल‍िए घर-घर जाकर दूध बेचा और आज दुबई का सबसे अमीर ब‍िजनेसमैन बन गया है.

जी हां हम बात कर रहे हैं रिजवान साजन की. वो शख्स जो मध्य पूर्व में लग्जरी रियल एस्टेट को नई परिभाषा दे रहे हैं. लेकिन इस ग्लैमर और अरबों दिरहम के सौदों के पीछे संघर्ष, दिल टूटने, सपनों और अथक महत्वाकांक्षा की कहानी छिपी है.

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फैक्‍टरी में क‍िया काम

मुंबई के घाटकोपर में जन्मे और पले-बढ़े रिजवान साजन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया. घर खर्च चलाने के ल‍िए उन्‍होंने स्टील फैक्ट्री में काम क‍िया, जहां उन्‍हें 7000 रुपये महीना म‍िलते थे. रातों-रात, रिजवान घर के मुखिया बन गए.

तीन छोटे भाई-बहनों और एक मां की देखभाल के साथ, उनकी किशोरावस्था खेल के मैदानों में नहीं, बल्कि मुंबई की सड़कों पर बीती. गुजारा करने के लिए उन्‍होंने किताबें, दूध और पटाखे बेचे. उन्होंने एक बार गल्फ न्यूज को बताया था क‍ि यह जीवनयापन का सवाल था. आगे बढ़ते रहने के अलावा कोई चारा नहीं था.

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कुवैत में म‍िली नौकरी

रिजवान अक्सर सुबह जल्दी उठकर दूध बांटने जाते और फिर क्लास के लिए निकल पड़ते. उनके चाचा ने बाद में साल 1981 में उसे कुवैत में नौकरी दिलाने में मदद की, जहां उसने 18,000 रुपये मासिक वेतन पर सेल्स ट्रेनी के रूप में शुरुआत की - यह उनका पहला बड़ा ब्रेक था.

लेकिन जिंदगी ने अभी उसकी परीक्षा लेना बंद नहीं किया था. आठ साल की कड़ी मेहनत के बाद, रिजवान सेल्स मैनेजर बनने की सीढ़ियां चढ़ गए. फिर 1990 का खाड़ी युद्ध आया. सद्दाम हुसैन के कुवैत पर आक्रमण ने उसकी दुनिया उलट-पुलट कर दी - उनका घर, करियर और जमा-पूंजी, सब रातों-रात खत्म हो गया.

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एक साक्षात्कार में उसने कहा क‍ि मैं मुंबई सिर्फ अनुभव लेकर लौटा था. लेकिन फिर से शुरुआत करने के लिए यही काफी था.

दुबई में डैन्यूब ग्रुप की स्थापना

साल 1993 में, साहस, अनुभव और मुट्ठी भर दिरहम के साथ, रिजवान साजन ने दुबई में डैन्यूब ग्रुप की स्थापना की. एक छोटी सी निर्माण सामग्री बेचने वाली व्यापारिक कंपनी. एक गोदाम से शुरू हुआ यह समूह आज अरबों डॉलर के साम्राज्य में बदल गया है.

डैन्यूब ग्रुप अब संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष रियल एस्टेट क्षेत्र में अपनी जगह बना चुका है. कंपनी अपनी भव्यता और स्मार्ट डिजाइन के लिए जानी जाती हैं.

डेन्यूब ग्रुप की वैल्‍यू

कई रिपोर्टों के अनुसार, डेन्यूब ग्रुप का मूल्यांकन 2019 में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया और रिजवान की व्यक्तिगत संपत्ति अब 20,830 करोड़ रुपये के आश्चर्यजनक आंकड़े को छू रही है. उनकी कंपनी सऊदी अरब, बहरीन और ओमान में फैली हुई है.

ढेर सारा पैसा होने के बावजूद, रिजवान साजन अपने मूल्यों पर अडिग हैं. उन्होंने एक बार कहा था क‍ि जब आप बिना पैसे के रहते हैं, तो आप हर एक नोट की कद्र करते हैं.


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