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Stock Market में गिरावट की तबाही, सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूबे

Stock Market Update: शेयर मार्केट खुलते ही धड़ाम हो गया है। पिछले करीब 5 महीनों से मार्केट में नरमी बनी हुई है। लगातार आ रही गिरावट से निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू कम होती जा रही है।

विनोद जगदाले: Stock Market News: शेयर बाजार में फरवरी के आखिरी दिन बड़ी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले हैं। शुरुआती कारोबार में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 800 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 200 अंकों से ज्यादा लुढ़क गए। बाद में गिरावट और चौड़ी होती चली गई। सुबह करीब 10 बजे तक सेंसेक्स 1000 अंक और निफ्टी 314 अंकों की भारी गिरावट का सामना कर रहे थे। आज की गिरावट में निवेशकों के 6 लाख करोड़ डूब गए हैं।

ये इंडेक्स डाउन

27 सितंबर 2024 को रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद से Sensex और Nifty 50 काफी नीचे आ चुके हैं। खासकर, फरवरी बाजार के लिए बेहद खराब रहा है। आज के शुरुआती कारोबार में ही प्रमुख इंडेक्स गिरावट का सामना कर रहे हैं। निफ्टी मेटल इंडेक्स 1.86%, निफ्टी ऑटो 2.45%, निफ्टी बैंक 0.93%, फार्मा 1.71% और आईटी इंडेक्स 2.96% की नरमी दर्ज कर चुके हैं। Indusind Bank निफ्टी पर सबसे बड़ा लूजर है। इस शेयर में अब तक 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है।

29 साल का रिकॉर्ड टूटा!

1996 के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब बाजार लगातार 5 महीने गिरावट में रहा है। यदि आज निफ्टी लाल निशान पर बंद होता है, तो 29 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। फरवरी में निफ्टी 4% से अधिक नीचे आ गया है। ऐसे में इसकी संभावना न के बराबर है कि वो शेष कारोबार में पूरे महीने की गिरावट की भरपाई कर ले। इससे पहले निफ्टी वर्ष 1996 में जुलाई से नवंबर, लगातार पांच महीने गिरावट के साथ बंद हुआ था। बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 के बीच आई थी। इन 8 महीनों में इंडेक्स 31.4% गिर गया था।

गिरावट की वजह

बाजार में लगातार आ रही गिरावट की कई वजह हैं। कंपनियों के अपेक्षाकृत कमजोर तिमाही नतीजे, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से उत्पन्न अनिश्चितता ने बाजार के मूड बिगाड़ दिया है।। विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जबकि पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि वह जनवरी के आखिरी तक मार्केट में वापसी कर सकते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि वे भारत से पैसा निकालकर अब भी चीन में लगा रहे हैं।    


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