TrendingBhai Dooj 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024IND vs NZdiwali 2024

---विज्ञापन---

Solar Energy 2022: सोलर पॉवर प्लांट्स से भारत ने सिर्फ 6 महीनों में बचाए 3.26 खरब रुपए

Solar Energy 2022 : भारत ने इस वर्ष की पहली छमाही में कोयले पर खर्च होने वाले करीब 4.2 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 3,26,78,80,00,000 रुपए) की बचत की है। इस बात की जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, यह कोयला बिजली बनाने के लिए खरीदा जाना था, […]

Solar Energy 2022 : भारत ने इस वर्ष की पहली छमाही में कोयले पर खर्च होने वाले करीब 4.2 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 3,26,78,80,00,000 रुपए) की बचत की है। इस बात की जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, यह कोयला बिजली बनाने के लिए खरीदा जाना था, परन्तु देश में सौर ऊर्जा के प्रति बढ़ती जागरूकता और नए सोलर प्लांट्स की स्थापना के कारण सरकार को करीब 19.4 टन कोयला कम खरीदना पड़ा, जिससे इतनी अधिक बचत संभव हो सकी। अभी पढ़ें बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन की ब्याज दर कम की, नए रेट के साथ जानें- कितना बचेगा पैसा

Solar Energy पर जारी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

एनर्जी थिंक टैंक Ember, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस की रिपोर्ट में कहा है कि इस वक्त दुनिया की टॉप 10 सोलर इकोनॉमीज में से पांच अकेले एशिया में हैं। इनके नाम भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एशिया के 7 प्रमुख देश में से चीन, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, फिलीपींस और थाईलैंड ने सोलर एनर्जी जनरेट कर इस वर्ष जनवरी से जून तक लगभग 34 अरब डॉलर कीमत वाले पेट्रोल पदार्थों की बचत की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले भारत ने इस वर्ष की पहली छमाही (जनवरी से जून तक) पेट्रोलियम उत्पादित ईंधन लागत में करीब 4.2 बिलियन डॉलर की बचत की। इतनी अधिक मात्रा में सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के कारण देश को लगभग 19.4 मिलियन टन कोयला कम खरीदना पड़ा और देश को विदेशी करेंसी भी कम खर्च करनी पड़ी। विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा का उत्पादन चीन में हुआ, जहां देश की कुल इलेक्ट्रिसिटी डिमांड का करीब 5 फीसदी हिस्सा सोलर एनर्जी से हासिल किया गया। इस वजह से चीन ने करीब 21 बिलियन डॉलर की बचत की है। उल्लेखनीय है कि यदि सोलर एनर्जी प्लांट्स नहीं होते तो इलेक्ट्रिसिटी बनाने के लिए काम आने वाले कोयला और गैस खरीदने के लिए चीन सरकार को यह पैसा खर्च करना पड़ता। रिपोर्ट में दूसरा स्थान जापान का है, जिसने सौर ऊर्जा का उत्पादन कर करीब 5.6 बिलियन डॉलर कीमत के पेट्रोल पदार्थों की बचत की। वियतनाम ने भी सोलर एनर्जी प्लांट्स को अपना कर 1.7 बिलियन डॉलर की ईंधन लागत की बचत की। इसी तरह दक्षिण कोरिया ने 1.5 बिलियन डॉलर, थाईलैंड ने 209 मिलियन डॉलर और फिलीपींस ने 78 मिलीयन डॉलर मूल्य के पेट्रोल उत्पादों की बचत की। अभी पढ़ें LIC Policy: करोड़पति बनना चाहते हैं? केवल 4 वर्षों के लिए प्रीमियम का भुगतान करके 1 करोड़ रुपये प्राप्त करें सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के दक्षिणपूर्व एशिया विश्लेषक इसाबेला सुआरेज़ ने कहा कि एशियाई देशों को महंगे और अत्यधिक प्रदूषणकारी जीवाश्म ईंधन से तेजी से दूर होने के लिए अपनी विशाल सौर क्षमता का दोहन करने की आवश्यकता है। वर्तमान में मौजूदा सोलर प्लांट्स तथा अन्य क्लीन एनर्जी रिसोर्सेज का प्रयोग करते हुए एशियाई देश ज्यादा से ज्यादा क्लीन एनर्जी जनरेट कर सकते हैं। अभी पढ़ें – बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.