कभी बिल गेट्स से भी अमीर था ये शख्स, अब गौतम अडानी 2 और मुकेश अंबानी निकले 4 गुणा आगे
जिंदगी उतार-चढ़ावों का ही दूसरा नाम है। आदमी को कब नुकसान उठाना पड़ जाए, कोई भरोसा नहीं। बारवजूद इसके हमें उम्मीद का दामन हमेथा कसकर पकड़े रहने की जरूरत है। लहरों से डरकर सागर में नौका पार नहीं होती...। ऐसे ही एक शख्स की कहानी से आज हम रू-ब-रू करा रहे हैं। इस शख्स का नाम है मासायोशी। एक वक्त था, जब यह दुनिया के सबसे अमीर आदमी के रूप में पहचान रखते थे। यानि की गौतम अडानी, मुकेश अंबानी और बिल गेट्स भी इनके आगे पानी भरते थे। फिर एक डाउनफाल आया तो एकदम से 70 बिलियन रुपए गंवाने पड़ गए। हालांकि अपनी मेहनत के बूते मासायोशी एक बार फिर से अरबपति बन गए। यह अलग बात है कि गौतम अडानी, मुकेश अंबानी के मुकाबले अब इनकी प्रॉपर्टी कहीं नहीं टिक पाती। आइए इस कहानी को जरा विस्तार से समझें...
बता दें कि 11 अगस्त 1957 को जापान के तोसू में जन्मे मासायोशी सन दुनिया के सबसे चर्चित लोगों में से एक रहे हैं। इन्वेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी सॉफ्टबैंक ग्रुप के फाउंडर और सीईओ मासायोशी Son's Vision Funds भी चलाते हैं, जिसमें Apple, क्वालकॉम, फॉक्सकॉन, लैरी एलिसन और सऊदी अरब के सॉवरेन फंड जैसी कंपनियों ने निवेश किया है। कभी इन्होंने ओला, ओयो, पेटीएम और अन्य जैसे भारतीय स्टार्टअप पर बड़ा दांव खेला था।
अपने जमाने में वह बिल गेट्स, जेफ बेजोस, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और ऐसे ही कई लोगों से कहीं ज्यादा अमीर थे। अब वह पैसों के मामले में बहुत पीछे चले गए हैं। उन्होंने अपना साम्राज्य गंवा दिया है। फोर्ब्स के मुताबिक अब मासायोशी सन की कुल संपत्ति लगभग 23 बिलियन डॉलर है। यह मुकेश अंबानी की 92 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ और गौतम अडानी की 50 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ की तुलना में कुछ भी नहीं है।
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1980 से 2000 तक के दो दशकों में उनकी उपलब्धि के हर तरफ चर्चे होते थे। बाद में जापानी तकनीकी दिग्गज मासायोशी सन ने बहुत कुछ खो भी दिया। बीते बरसों डेविड रूबेनस्टीन शो में ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू के अनुसार डॉट-कॉम बबल की कामयाबी के वक्त मासायोशी सन हर हफ्ते 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अमीर हो रहे थे। अगर आज की कीमतों पर गौर करें तो वह हर घंटे 41 ऑडी ए8एल खरीद सकते थे।
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2000 में 93 प्रतिशत तक गिरे सॉफ्टबैंक के शेयर
बाद में डॉट-कॉम बबल फेल हुआ तो उनकी कंपनी सॉफ्टबैंक के शेयर दो महीने में 75 प्रतिशत और 2000 के अंत तक 93 प्रतिशत तक गिर गए। नतीजा 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आज तक का किसी कारोबारी के लिए सबसे बड़ा वित्तीय घाटा हुआ। फिर दूरदर्शिता दिखाते हुए मासायोशी ने कई सारी बाधाओं के बावजूद 2006 में वोडाफोन जापान का अधिग्रहण करने के बाद 2013 में उनकी जिंदगी फिर से अरबपतियों में शुमार हो गई। दिसंबर 2016 में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मासायोशी ने कहा था, 'अच्छा-बुरा आया, लेकिन सॉफ्टबैंक हमेशा मौजूद रहा'। 2017 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश किया।
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अब ये है मासायोशी की नेटवर्थ
हालांकि बहुत सारे उतार-चढ़ावों के बीच अक्टूबर 2021 तक मासायोशी सन ने अपने स्टार्टअप निवेश की गति को तेज कर दिया और 9 महीने से भी कम वक्त में अपने विजन फंड 2 पोर्टफोलियो में कंपनियों की संख्या को तीन गुणा कर दिया। उधर, फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार नवंबर 2022 तक बढ़ते घाटे के कारण मासायोशी सन पर 4.7 बिलियन डॉलर बकाया था। ब्लूमबर्ग की गणना के अनुसार फरवरी 2023 तक यह 5.1 बिलियन डॉलर हो गया। अब फोर्ब्स के मुताबिक अब मासायोशी सन की कुल संपत्ति लगभग 23 बिलियन डॉलर है।
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