Silver rate today: चांदी की कीमतें रिकॉर्ड पे रिकॉर्ड बना रही हैं. आज एक बार फिर चांदी ने नया स्तर छू लिया है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चां की कीमत दी पहली बार 2.50 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर भी पार कर गई है. चांदी के भाव में ये तेजी, सिर्फ भारतीय बाजार में नहीं है, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी ऐसी ही तेजी देखने को मिल रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सुबह चांदी का रेट पहली बार $80 के निशान को पार कर गया, जिसके बाद सफेद धातु में प्रॉफिट-टेकिंग के कारण इसमें गिरावट आई, लेकिन इससे पहले इसमें 180% से ज्यादा की भारी तेजी देखी गई थी.
MCX पर, सिल्वर मार्च वायदा 5.99% बढ़कर 254174 प्रति किलोग्राम के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया. सुबह करीब 9.40 बजे, आज चांदी की कीमत 251746 रुपये थी, जो 11959 या 4.99% ज्यादा थी. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में, स्पॉट सिल्वर 1.3% गिरकर $78.12 प्रति औंस हो गया, जबकि सेशन की शुरुआत में यह $83.62 के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था.
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चांदी के भाव में तेजी क्यों आ रही?
सप्लाई में कमी, बढ़ती इंडस्ट्रियल डिमांड और फेडरल रिजर्व द्वारा और रेट कट की उम्मीदों के कारण चांदी की कीमतों में तेजी आई है. एनालिस्ट्स ने भी इस साल इस सफेद धातु की कीमतों में उछाल के पीछे कम ब्याज दरें, AI डेटा सेंटर में चांदी का बढ़ता इस्तेमाल, सप्लाई में कमी और टैरिफ को लेकर अनिश्चितता जैसे कई कारणों को बताया है.
बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आर्थिक विकास पर अमेरिकी टैरिफ के असर को लेकर चिंताओं ने भी निवेशकों को सोने और चांदी जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर धकेला है.
दूसरी ओर फेडरल रिजर्व की पॉलिसी में ढील, जियोपॉलिटिकल जोखिम, सेंट्रल बैंक की खरीदारी, ज्यादा ETF होल्डिंग्स और लगातार डी-डॉलराइजेशन के कारण सोना 1979 के बाद से अपने सबसे अच्छे सालाना परफॉर्मेंस की ओर बढ़ रहा है. चांदी को स्ट्रक्चरल सप्लाई की कमी, इसे US के जरूरी मिनरल के तौर पर पहचान मिलने और मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड से फायदा हुआ है, जिसने सोने की लगभग 72% की बढ़ोतरी को भी पीछे छोड़ दिया है.
प्लैटिनम और पैलेडियम, जिनका इस्तेमाल ऑटोमोटिव कैटेलिटिक कन्वर्टर में बड़े पैमाने पर होता है, उनमें भी सप्लाई की कमी, टैरिफ की अनिश्चितता और निवेश की मांग सोने से हटकर दूसरी तरफ जाने के कारण तेजी से बढ़ोतरी हुई है. प्लैटिनम में इस साल लगभग 165% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पैलेडियम में साल-दर-साल 90% से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है.