ताने सुने, पर हारा नहीं और 10वीं पास ने खड़ी कर दी 4 करोड़ की कंपनी, आप भी आजमा सकते तरीका
4 करोड़ की कंपनी रोडबेज टैक्सी सर्विस का फाउंडर दिलखुश सिर्फ 10वीं पास है।
Rodbez Taxi Service Founder Dilkhush Success Story: इस शख्स के जज्बे को सलाम कीजिए, क्योंकि 10वीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाया। नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया तो फेल हो गया। कहा गया तुम नौकरी करने लायक नहीं।
दोस्त, रिश्तेदार इंटरव्यू में फेल होने पर मजाक उड़ाने लगे। रोज-रोज के ताने सुनकर इतना परेशान हो गया कि खुद को कमरे में बंद कर लिया। किताबें-सर्टिफिकेट सब जला दिए, फिर पिता ने समझाया, एक गुरुमंत्र दिया, एक यूट्यूब वीडियो दिखाई और उसके सपने को पंख लगा दिए।
पिता और यूट्यूब ने बना दिया बिजनेसमैन
पिता के गुरुमंत्र और यूट्यूब की एक वीडियो ने उसकी जिंदगी बदल दी। आज वह नौजवान 4 करोड़ की कंपनी का मालिक है और देश के मशहूर बिजनेस शो शार्क टैंक की टीम को उसका आइडिया इतना पसंद आया कि उसकी कंपनी में 50 लाख इन्वेस्ट कर दिए।
आखिर पिता ने क्या गुरुमंत्र दिया और यूट्यूब की कौन-सी वीडियो ने उसे फेलियर से बिजनेसमैन बना दिया, आइए जानते हैं। एक छोटे से गांव में रहने वाले लड़के के संघर्ष और सफलता की कहानी प्रेरित करे तो अपना बिजनेस करने के लिए आइडिया आप भी आजमा सकते हैं।
सब्जी बेची, रिक्शा चलाया, मजदूरी तक की
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) सीजन-3 के तीसरे एपिसोड में बिहार के सहरसा जिले का 30 साल का दिलखुश कुमार आया। उसने शार्क टैंक की टीम को बताया कि जब इंटरव्यू में फेल हुआ और उसके बाद नौकरी करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया तो सब्जी का ठेला लगा लिया।
दिलखुश कुमार ने बताया कि सारा दिन में 500 रुपये की सब्जी भी नहीं बिकती थी। रिक्शा तक चलाया, ग्राहक नहीं मिलने पर किसी की दुकान पर मजदूरी कर लेता था, लेकिन कमाई कम होती थी। पिता रोडवेज में काम करते थे तो उन्होंने एक दोस्त की मदद लेकर ड्राइविंग सीखा दी।
पिता ने प्रेरित करने के लिए दिखाया था वीडियो
दिलखुश ने बताया कि पिता उसका निराश चेहरा देखकर बहुत दुखी होते थे। एक दिन वे यूट्यूब पर वीडियो देखकर टाइम पास कर रहे थे। साथ में बैठाकर समझाने लगे तो वीडियो देखते-देखते एक वीडियो सामने आया, जिसमें कोडिंग सिखाई जा रही थी।
उसके दोस्त अकसर बात करते थे कि कोडिंग सीखेंगे और अपना मोबाइल ऐप बनाएंगे। उसने वीडियो देखकर कोडिंग सीखी और एक मोबाइल ऐप बनाया। ड्राइविंग आती थी तो कैब सर्विस शुरू करने का आइडिया पिता ने दिया। कंपनी का नाम Rodbez रखा, क्योंकि पिता रोडवेज में नौकरी करते थे।
सबसे पहले सहरसा में शुरू की कैब सर्विस
दिलखुश ने सबसे पहले 2022 में सहरसा में सर्विस देनी शुरू की। आज उसके पास 20 टैक्सियां हैं और टारगेट 200 टैक्सियों का है। उसकी कंपनी सर्विस कैसे देती है, यह सुनकर शार्क टैंक के जज अमन गुप्ता काफी खुश हो गए। उन्होंने कहा कि ओला, उबेर ने जिस काम में करोड़ों इन्वेस्ट किए, उसे तुमने फ्री में करके दिखाया।
वहीं जज रितेश अग्रवाल और नमिता थापर को दिलखुश का आइडिया इतना पसंद कि उन्होंने Rodbez कैब सर्विस में 20 लाख इन्वेस्ट करने का ऐलान कर दिया। साथ ही 30 लाख रुपये 5 फीसदी ब्याज पर दिलखुश को दिए। इस इन्वेस्टमेंट के साथ ही Rodbez की मार्केट वैल्यू बढ़कर 4 करोड़ हो गई और दिलखुश छा गया।
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