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डॉलर के मुकाबले रुपये की सेहत कैसी, आगे का क्या है अनुमान?

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कुछ हद तक संभला है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते इसकी चाल प्रभावित हो सकती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैरिफ को लेकर चिंताएं कम जरूर हुई हैं, लेकिन मार्केट में अनिश्चितता बरकरार है और इससे रुपये की चाल प्रभावित हो सकती है।

Photo Credit: Google
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की चाल वैश्विक अस्थिरता के चलते प्रभावित हो सकती है। डॉलर की तुलना में रुपये में कुछ मजबूती देखने को मिली है, लेकिन यह मजबूती बरकरार रहेगी कहना मुश्किल है। एनालिस्ट को उम्मीद है कि इस सप्ताह रुपया 85.70 और 86.70 के बीच कारोबार करेगा, जिसमें चीनी युआन का प्रदर्शन एक प्रमुख कारक होगा।

अभी क्या है कीमत?

रुपया मंगलवार को 28 पैसे बढ़कर प्रति डॉलर 85.77 पर बंद हुआ और बुधवार को शुरुआती कारोबार में यह 85.67 पर पहुंच गया। इससे पहले शुक्रवार को यह 86.05 के स्तर पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और थोक महंगाई के आंकड़ों से रुपये में मजबूती आई है। थोक महंगाई मार्च में 2.05 फीसदी पर आ गई है। जबकि पूर्वानुमान 2.5 फीसदी का था। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली रुपये की बढ़त के लिए खतरा है। उनका कहना है कि टैरिफ संबंधी चिंताओं में कमी आई है, लेकिन अनिश्चितता अभी बरकरार है, ऐसे में रुपये की चाल प्रभावित हो सकती है।

बॉन्ड यील्ड में गिरावट

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर कुछ राहत दी है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी एसेट में निवेशकों का भरोसा कमजोर बना हुआ है, जिसके कारण डॉलर प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर की कमजोरी ने एशियाई मुद्राओं को कुछ राहत दी है, लेकिन विश्लेषकों का मानना ​​है कि मार्केट ट्रेड संबंधी घटनाक्रमों के प्रति बेहद संवेदनशील बने रहेंगे। इस बीच, भारत की 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड घटकर 6.4445% रह गई, जो लगातार चौथी साप्ताहिक गिरावट है। इसके 6.40%-6.45% की सीमा में रहने की उम्मीद है।

अब नजरें डेटा पर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रुपये को निचले स्तर पर सहारा दे सकती है। लेकिन आयातकों द्वारा डॉलर की खरीद और विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से लगातार की जा रही निकासी रुपये में तेज बढ़त को रोक सकती है। ट्रेडर्स की नजर अब अमेरिका से आने वाले कुछ महत्वपूर्ण डेटा पर हैं, जिनसे डॉलर की सेहत पर असर पड़ेगा। आज यानी 16 अप्रैल को रिटेल सेल्स के आंकड़े आएंगे। आज ही मार्च के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े भी जारी होंगे। बता दें कि पिछले कुछ समय में डॉलर इंडेक्स कमजोर हुआ है। इसका मतलब है कि डॉलर की डिमांड बाकी करेंसीज के मुकाबले कम हुई है। यह भी पढ़ें - Stock Market में आज कहां दिखेगा एक्शन? नोट कर लें ये 5 नाम


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