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Bitcoin पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी, इस साल 2 लाख डॉलर के पार जाएगी कीमत!

बिटकॉइन की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से तेजी आ रही है। इस बीच, अमेरिकी बिजनेसमैन और चर्चित किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने बिटकॉइन को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि इस साल बिटकॉइन की कीमत दो लाख का आंकड़ा पार कर सकती है।

बिटकॉइन को लेकर अब तक की सबसे बड़ी भविष्यवाणी सामने आई है। अमेरिकी बिजनेसमैन और चर्चित किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) का कहना है कि इस साल के अंत तक बिटकॉइन दो लाख डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। कियोसाकी क्रिप्टोकरेंसी खासकर बिटकॉइन के कट्टर समर्थक हैं और अक्सर लोगों को गोल्ड, सिल्वर और बिटकॉइन में निवेश की सलाह देते रहते हैं।

पहले से रहे हैं बुलिश

एक सोशल मीडिया पोस्ट में रॉबर्ट कियोसाकी ने अनुमान जताया है कि बिटकॉइन की कीमत इस साल 200,000 डॉलर से अधिक हो जाएगी। उन्होंने लिखा है, 'मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2025 में बिटकॉइन $180k से $200k तक पहुंच जाएगा'। कियोसाकी बिटकॉइन को लेकर हमेशा से बुलिश रहे हैं। कुछ वक्त पहले उन्होंने कहा था कि बिटकॉइन की कीमतों में गिरावट पर खरीदारी में समझदारी है, क्योंकि इस क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी छलांग लगाने की क्षमता है।

अभी क्या है दाम?

बिटकॉइन इस समय 88,277.28 डॉलर के भाव पर मिल रहा है। पिछले एक महीने में इसकी कीमतें 4.66% चढ़ी हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बिटकॉइन के दाम रॉकेट बन गए थे। इस साल की शुरुआत में यह ऐतिहासिक एक लाख डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था, लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आती चली गई। बीते कुछ दिनों से बिटकॉइन ने फिर से मजबूती हासिल करना शुरू कर दिया है। रॉबर्ट कियोसाकी को विश्वास है कि यह कॉइन इस साल 2 लाख डॉलर तक पहुंच सकता है।

क्यों आ रही तेजी?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में मची उथल-पुथल से जहां डॉलर की कीमतों में नरमी है। वहीं, बिटकॉइन को बूस्ट मिला है। आने वाले दिनों में इस डिजिटल करेंसी के और मजबूती हासिल करने की संभावना है। यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से शेयर बाजार में घबराहट है। ऐसे में निवेशक क्रिप्टो में निवेश बढ़ा रहे हैं। दरअसल, ट्रंप ने फेडरल चीफ जेरोम पावेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वह पावेल को पद से हटाने के विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं। इस वजह से स्टॉक मार्केट में 21 अप्रैल को गिरावट देखने को मिली। फेडरल चीफ ने टैरिफ नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे महंगाई और बेरोजगारी बढ़ेगी। यह भी पढ़ें - Gold Rate एक लाख के पार, अगला टारगेट क्या? इस साल सस्ता होने के दावे कितने सही?


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