RBI to change Repo Rate Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लिए 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स माफी का फैसला महत्वपूर्ण साबित हुआ है और अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भी राहत की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अनुमान है कि करीब पांच सालों बाद RBI ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर सकता है। अगर मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में इस फैसले का ऐलान होता है तो इसका सीधा असर कर्ज पर पड़ेगा। जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में एक नई जान आ सकती है।
RBI ने फरवरी 2023 से नीतिगत दरों (रेपो रेट) को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है, जबकि महामारी के दौरान इस दर में कटौती की गई थी। अब नये गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो रही है और बाजार की उम्मीदें इस फैसले पर टिकी हैं।
एक्सपर्ट्स की मानें तो मदन सबनवीस का कहना है, "इस बार ब्याज दरों में कटौती की संभावना इसलिए भी मजबूत है क्योंकि RBI पहले ही नकदी बढ़ाने के उपाय कर चुका है।" वहीं, रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े जानकार मानते हैं कि इस फैसले से डेवलपर्स और घर खरीदारों को राहत मिल सकती है।
रियल एस्टेट को मिलेगा प्रोत्साहन
जानकारों का कहना है कि"चूंकि यह नए गवर्नर की पहली MPC बैठक होगी। हमें उम्मीद है कि वे अपने कार्यकाल की शुरुआत रेपो रेट को लेकर एक अनुकूल घोषणा के साथ करना चाहेंगे। बजट ने सरकार की मध्यम वर्ग के प्रति अनुकूल नीतियों का संकेत दिया है। जिससे बाजार को उम्मीद है कि RBI भी इसी दिशा में कदम उठाएगा और यदि अधिक नहीं तो कम से कम 25 बेसिस पॉइंट की मामूली कटौती की घोषणा करेगा। यह कटौती न केवल बाजार की भावना को मजबूती देगी बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहन प्रदान करेगी।"
कम ब्याज दरें रियल एस्टेट को नई दिशा देंगे
रिपोर्ट्स की मानें तो अगर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में कटौती करता है तो यह निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। कम ब्याज दरों से होम लोन सस्ता होगा, जिससे मध्यम वर्ग के लोग फिर से घर खरीदने की ओर रुख कर सकते हैं। इसके साथ ही डेवलपर्स को भी राहत मिलेगी क्योंकि किफायती ईएमआई के कारण प्रॉपर्टी मार्केट में नए निवेशकों और खरीदारों की संख्या बढ़ सकती है। यह निर्णय रियल एस्टेट के लिए विकास का एक नया मौका साबित हो सकता है।
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25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की उम्मीद
बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। इनकम टैक्स स्लैब में फायदा होने से कहीं न कहीं लोगों का रुझान रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट की ओर बढ़ेगा। नए आरबीआई गवर्नर के आने के बाद यह पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हो रही है। ऐसे में उम्मीद है कि आरबीआई भी लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर सकता है। सरकार की ओर से भी इस तरह के संकेत दिए जा रहे हैं कि इस बार रेपो रेट में कमी की जाएगी।
बाजार में माहौल बनेगा सकारात्मक
विशेषज्ञों के अनुसार केंद्रीय बजट से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है। अगर आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करता है तो यह आर्थिक विकास को और तेज करेगा। इससे मांग बढ़ेगी विकास की रफ्तार तेज होगी और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों और घर खरीदने वालों के लिए अच्छे मौके मिलेंगे। इससे बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा, जिससे यह सेक्टर लंबे समय तक मजबूत बना रहेगा और आगे बढ़ता रहेगा। एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ सहारन ने कहा, "आरबीआई द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती घर खरीदारों और डेवलपर्स के आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगी। इससे उधारी की लागत कम होगी, जिससे रेजिडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट को नई गति मिलेगी।
कर्ज लेने वालों को मिलेगी राहत
फरवरी में संभावित 25 बेसिस प्वाइंट्स की रेट कटौती से मौद्रिक नीति में ढील देने की शुरुआत होगी, जिससे कर्ज़ लेने वालों को राहत मिलेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग के हितों को ध्यान में रखा गया है। ऐसे में उम्मीद है कि आरबीआई भी अपनी नीति उसी दिशा में आगे बढ़ाएगा। सालभर में ब्याज दरों में धीरे-धीरे कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़े भरोसे का संकेत होगी, जिससे किफायती घरों की पहुंच बढ़ेगी और मांग में इजाफा होगा। अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल का कहना है कि अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो इससे रियल एस्टेट बाजार में नई ऊर्जा आएगी। होम लोन की ब्याज दरें कम होने से लोग प्रॉपर्टी में निवेश के लिए प्रेरित होंगे, जिससे सेक्टर को ग्रोथ मिलेगी।
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निवेशकों का बढ़ेगा मनोबल
पिछले कुछ समय में आरबीआई मुद्रास्फिति को कंट्रोल करने में सफल रहा है। बजट में सरकार ने साफ कर दिया है कि बाजार को बूस्ट देने और मिडिल क्लास को फायदा देन के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में अब आरबीआई से उम्मीद है कि लंबे समय बाद वह रेपो रेट में कटौती कर न सिर्फ आम लोगों को बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी मजबूत बनाएगा। रेपो रेट में कटौती होती है तो कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों प्रकार के रियल एस्टेट को फायदा होगा। निवेशकों की रुचि सेक्टर की ओर बढ़ेगी।
आम लोगों पर फोकस
हाल ही में पेश किए गए बजट का मुख्य फोकस लोगों पर है। इसे ध्यान में रखते हुए हमें उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी में साल की शुरुआत 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती के साथ करेगा। यह कदम लोन को आसान बनाएगा, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को सकारात्मक बढ़ावा मिलेगा। यह आरबीआई की विकास को समर्थन देने की मंशा का स्पष्ट संकेत है और इस कदम से भविष्य में और अधिक दर कटौती की जा सकती है। रहेजा ग्रुप की प्रवक्ता डिपंल भारद्वाज का कहना है कि बजट ने जनहितकारी आर्थिक नीतियों की दिशा निर्धारित कर दी है। ऐसे में हमें उम्मीद है कि आरबीआई भी वर्ष की शुरुआत फरवरी में 25 बीपीएस की मामूली दर कटौती के साथ कर सकता है। यह न केवल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत देगा बल्कि भविष्य की एमपीसी बैठकों में और अधिक सहजता की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा।
निवेशकों की बढ़ेगी रुचि
मौजूदा आर्थिक माहौल में RBI द्वारा संभावित रेपो दर कटौती से होम लोन पर ब्याज दरों में कमी आएगी। जिससे खरीदारों का रुझान रियल एस्टेट की ओर और बढ़ेगा। खासतौर पर किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग को इस फैसले से सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। यदि दरों में यह कटौती होती है तो डेवलपर्स के लिए भी नई परियोजनाओं को लॉन्च करना और फंडिंग की उपलब्धता बढ़ाना आसान हो जाएगा। जिससे पूरे सेक्टर में सकारात्मकता देखने को मिलेगी।
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