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वित्तमंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था में किए बड़े ऐलान, जानिए आपकी सैलरी पर क्या होगा असर, क्या मिलेगा लाभ

Union Budget 2024 News: वित्तमंत्री ने बजट में नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 75 हजार कर दिया है। इसके अलावा फैमिली पेंशन के मामले में लोगों को राहत दी गई है।

निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 का पहला बजट पेश किया।
Union Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स पर बड़े ऐलान किए हैं। वित्तमंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार करने का ऐलान किया। इसके साथ ही वित्तमंत्री ने फैमिली पेंशन की राशि को भी बढ़ाकर 15 से 25 हजार कर दिया है। वित्तमंत्री ने कहा कि इन बदलावों से चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को फायदा मिलेगा। नौकरी पेशा कर्मचारियों को इनकम टैक्स में 17,500 रुपये की बचत होगी। वित्तमंत्री ने अपने ऐलान में इनकम टैक्स एक्ट 1961 की पूर्ण समीक्षा की बात कही है। इस काम को 6 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा। इसके अलावा वित्तमंत्री ने स्टार्टअप्स को राहत देते हुए एंजेल टैक्स को खत्म कर दिया है। वित्तमंत्री ने LTCG की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। वित्तमंत्री ने कहा कि चुनिंदा शार्ट टर्म गेन्स 20 प्रतिशत रहेगा। जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल 12.5 प्रतिशत रहेगा। Union Budget 2024 Live: नई टैक्स रिजीम में मिलेगी राहत, स्टैंडर्ड डिडक्शन अब 75 हजार; देखें लाइव अपडेट्स नई टैक्स व्यवस्था के तहत नई दरें 0 से 3 लाख - 0 प्रतिशत 3 से 7 लाख तक - 5 प्रतिशत 7 से 10 लाख - 10 प्रतिशत 10-12 लाख - 15 प्रतिशत 12-15 लाख - 20 प्रतिशत 15 लाख से ज्यादा - 30 प्रतिशत नई टैक्स व्यवस्था में पहले क्या थीं दरें 0 से 3 लाख - 0 प्रतिशत 3 से 6 लाख - 5 प्रतिशत 6 से 9 लाख - 10 प्रतिशत 9 से 12 लाख - 15 प्रतिशत 12 से 15 लाख - 20 प्रतिशत 15 लाख से ज्यादा - 30 प्रतिशत ये भी पढ़ेंः आम लोगों के लिए खास घोषणा, जानिए क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत दरें 0 से 2.5 लाख तक - 0 प्रतिशत 2.5 लाख से 3 लाख तक - 5 प्रतिशत (60 साल ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई टैक्स नहीं) 3 लाख से 5 लाख - 5 प्रतिशत 5 से 10 लाख तक - 20 प्रतिशत 10 लाख से ज्यादा - 30 प्रतिशत बता दें कि नौकरीपेशा वर्ग को वित्तमंत्री से नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव की बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वित्तमंत्री ने हाथ नहीं खोले हैं। स्टैंडर्ड डिक्शन में इजाफे के अलावा नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स को कुछ खास नहीं मिला है।


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