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अचानक Saving छोड़ FD की तरफ जा रहे लोग, कहीं ये RBI की ताजा पॉलिसी का असर तो नहीं?

Saving or FD Rates: बैंकिंग सेक्टर में ये बदलाव क्या संकेत देता है। आने वाले समय में ग्राहकों को कितना फायदा होगा?

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 29, 2024 17:18
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Photo Credit: Google

Saving or FD Rates: इन दिनों बैंकिंग सेक्टर में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। लोग अब सेविंग अकाउंट से ज्यादा एफडी की तरफ रुख कर रहे हैं। पहले जहां सेविंग अकाउंट की डिमांड ज्यादा रहती थी, पर अब एफडी के लिए लोग बैंक से कह रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 1 साल में नई एफडी कराने की ग्रोथ 25.8 फीसदी रही है। वहीं सेविंग अकाउंट की ग्रोथ रेट में 12 फीसदी की गिरावट देखी गई है।

क्या है इसके पीछे की असल वजह

अब सवाल ये आता है कि आखिर क्यों ऐसा ट्रेंड चल रहा है। दरअसल उसकी पीछे सबसे बड़ी वजह है ब्याज की दर। दरअसल औसत की बात करें तो सेविंग अकाउंट पर 2.5-3 फीसदी की ब्याज मिलती है, वहीं एफडी पर ब्याज दर 6.5 से 7 फीसदी तक मिलती है। इसलिए अब लोगों के बीच में एक बार फिर से एफडी ने अपनी जगह बना ली है।

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किन बैंकों पर दिखाई दे रहा है असर

ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ कुछ ही बैंक के साथ हो रहा है। अमूमन सभी बैंकों के अंदर ये ट्रेंड देखा जा रहा है। आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से जानकारी दी गई है कि, पिछले 1 साल में 6.2 फीसदी की दर से सेविंग अकाउंट खुले हैं, वहीं 25.8 की दर से एफडी बनाई गईं हैं। यहीं नहीं करेंट अकाउंट में भी कमी देखी गई है। 14.8 फीसदी की ग्रोथ रेट करेंट अकाउंट में देखी गई, जो पहले 17 फीसदी था।

बैंकों पर क्या रहेगा असर 

इसका बैंकों के ऊपर एक पॉजिटिव असर दिखाई देगा। कहीं ना कहीं बैंकों के पास नकदी ज्यादा समय के लिए रहेगी तो आगे कर्ज देने में आसानी रहेगी। जिससे ब्याज बैंकों के लिए ऑक्सीजन का काम करेंगी। हालांकि स्टोर कॉस्ट बैंक के लिए बढ़ सकती हैं। लेकिन इससे ज्यादा परेशान बैंक नहीं होंगे।

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कब तक देखने को मिल सकता है ये ट्रेंड

आरबीआई की अगली मॉनेटरी पॉलिसी तक ये हाल रह सकता है। पिछले चार बार से आरबीआई ने कोई भी बदलाव रेपो रेट को लेकर नहीं किया है। यानी बैंक अभी फ्री होकर काम नहीं कर पा रहीं हैं। रेपो रेट में इजाफा होते ही कहानी बदल सकती है।

(Ultram)

First published on: Oct 13, 2023 11:45 AM

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