Car Driving Rules : कार चलाते समय अगर रोड पर कैमरे नहीं हैं तो ज्यादातर लोग ड्राइविंग के नियमों की अनदेखी कर देते हैं। अगर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी पकड़ ले तो जुर्माना भी चुकाना पड़ता है। ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए अगर किसी शख्स की गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाए तो उसे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उसे इसकी कीमत जान देकर भी चुकानी पड़ सकती है। वहीं एक्सीडेंट होने पर कार को भी नुकसान होता है जिसकी भरपाई करना मुश्किल होता है। इंश्योरेंस होने पर भी कंपनी क्लेम भी रिजेक्ट कर देती है जिसका असर जेब पर पड़ता है।
फोरम ने इसलिए रिजेक्ट किया केस
मामला महाराष्ट्र का है। एक शख्स ने कार कंपनी पर इसलिए केस किया था कि एक्सीडेंट के समय कार के एयर बैग्स नहीं खुले थे। मामला महाराष्ट्र के स्टेट कंज्यूमर फोरम पहुंचा। स्टेट कंज्यूमर फोरम ने कार निर्माता कंपनी को आदेश दिया कि वह 1 लाख रुपये बतौर हर्जाने के ग्राहक को दे। कंपनी मामले को नेशनल कंज्यूमर फोरम ले गई। वहां मामले की फिर से सुनवाई हुई। इस दौरान सामने आया कि एक्सीडेंट के समय कस्टमर ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। सीट बेल्ट न लगे होने से एयरबैग खुले नहीं। ऐसे में नेशनल कंज्यूमर फोरम ने इसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना और स्टेट कंज्यूमर फोरम का फैसला बदल दिया।
[caption id="attachment_675442" align="alignnone" ] कार चलाते समय ट्रैफिक के नियमाें का पालन करें[/caption]
जानें, क्या हैं ड्राइविंग के नियम
अगर आप भी कार ड्राइविंग के दौरा सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं या अन्य नियमों का पालन नहीं करते तो आपको भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपनी वेबसाइट पर कार ड्राइवरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कुछ जरूरी नियम इस प्रकार हैं:
सीट पर बैठते ही सीट बेल्ट बांध लें। साथ ही आगे की दूसरी सीट पर बैठे हुए शख्स को भी सीट बेल्ट बंधवाएं।
कार की स्पीड 50-60 किमी प्रति घंटे की ही रखें। जहां स्पीड लिमिट है, वहां उसी लिमिट में गाड़ी चलाएं।
कार हमेशा अपनी निर्धारित लेन में ही चलाएं। लेन बदलनी हो तो इंडिकेटर देकर बदलें।
ड्राइविंग करते समय फोन पर बात न करें।
कार से सभी जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट आदि की सर्टिफाइड कॉपी रखें। आप इन डॉक्यूमेंट को डिजिलॉकर में भी रख सकते हैं।
ट्रैफिक नियमों का पालन न करने पर अगर कोई एक्सीडेंट हो जाए तो इंश्योरेंस कंपनियां इसका क्लेम नहीं देती हैं।
अगर कोई एक्सीडेंट हो जाए तो पहले इंश्योरेंस कंपनी को इसकी सूचना दें और उसके बाद ही कार की मरम्मत करवाएं। नहीं तो क्लेम खारिज हो सकता है।
ड्राइविंग के दौरान अगर ड्राइवर ने शराब पी रखी हो या वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस न हो। रॉन्ग साइड में गाड़ी चलाते समय एक्सीडेंट हो जाए तो उसका भी क्लेम नहीं मिलता।
अगर आप इंश्योरेंस कंपनी को बिना बताए कार में कुछ बदलाव जैसे CNG/PNG किट लगवाना, रूफ रैक लगवाना या पेंट का काम करवाना आदि करते हैं तो इन बदलावों के बारे में इंश्योरेंस कंपनी को बताएं।
कार का इस्तेमाल अगर कर्मशल एक्टिविटी के लिए करते हैं और कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो ऐसे में मामले में भी क्लेम रिजेक्ट हो जाता है।