IRDAI Circular On Health Insurance : हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों के लिए राहत भरी खबर है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को आदेश दिया है कि वे हर तरह के क्लेम सेटलमेंट में बहुत ज्यादा समय न लगाएं। वहीं इमरजेंसी में क्लेम सेटलमेंट को लेकर भी IRDAI ने सख्त हिदायत दी है। साथ ही फ्री लुक कैंसीलेशन पीरियड का समय भी 15 दिन से ज्यादा कर दिया है। इन नियमों को लेकर IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस पर अलग-अलग जारी हुए 55 सर्कुलर कैंसिल करके नया मास्टर सर्कुलर जारी किया है। ये नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
सेटलमेंट को लेकर जारी किए ये नए नियम
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस इलाज की रिक्वेस्ट मिलने पर 3 घंटे में क्लेम की सुविधा देनी होगी।
अगर किसी मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है तो ऐसे इमरजेंसी मामलों में एक घंटे के अंदर क्लेम सेटलमेंट करना होगा। साथ ही शव को तुरंत ही मरीज के परिजन को सौंपना होगा।
[caption id="attachment_729793" align="alignnone" ] क्लेम सेटलमेंट को लेकर IRDAI ने जारी किया नया सर्कुलर।[/caption]
...तो बीमा कंपनियों को देनी होगी अतिरिक्त रकम
IRDAI ने कहा है कि क्लेम सेटलमेंट के कारण मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के लिए इंतजार नहीं करवाना चाहिए। अगर बीमा कंपनियां क्लेम सेटलमेंट में 3 घंटे से ज्यादा की देरी करती हैं तो अस्पताल का जो भी अतिरिक्त खर्च होगा, वह बीमा कंपनी को देना होगा। साथ ही IRDAI ने कहा है कि बीमा कंपनियों को 100 फीसदी कैशलेस क्लेम सेटलमेंट हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।
30 दिन का होगा फ्री लुक कैंसीलेशन पीरियड
नए नियमों में फ्री लुक कैंसीलेशन पीरियड अब 30 दिनों का होगा। इससे पहले यह 15 दिन का होता था। फ्री लुक कैंसीलेशन पीरियड से मतलब है कि जब कोई शख्स किसी कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस लेता है तो उसके पास इंश्योरेंस से जुड़े सारे नियमों और शर्तों को पढ़ने के लिए 15 दिन का समय होता था। अगर उस शख्स को वह इंश्योरेंस पसंद नहीं आता तो वह उसे इस समय अवधि में वापस कर सकता है। ऐसे में कंपनी ने इंश्योरेंस की जो भी रकम ली है, वह उसे वापस करनी होगी।
कैंसीलेशन से जुड़े इन नियमों में भी हुआ बदलाव
कोई भी पॉलिसी होल्डर पॉलिसी लेने के बाद कभी भी पॉलिसी को कैंसिल करवा सकता है। इसके लिए उसे कंपनी को 7 दिन का नोटिस लिखकर (ई-मेल या पोस्ट) देना होगा।
अगर पॉलिसी की अवधि एक साल तक है और इस दौरान कोई क्लेम नहीं किया गया है तो कंपनी बचे हुए समय के लिए आनुपातिक प्रीमियम वापस करेगी। मान लीजिए कि किसी शख्स ने 3 साल का हेल्थ इंश्योरेंस लिया। 3 साल का प्रीमियम 30 हजार रुपये था। एक साल तक उसने क्लेम नहीं किया। इसके बाद वह पॉलिसी वापस करना चाहता है तो ऐसे में कंपनी को उसे बाकी बचे दो साल का प्रीमियम यानी 20 हजार रुपये वापस करने होंगे।