मिलिए इंडिया की सबसे यंग CEO राधिका गुप्ता से, Shark Tank India Season-3 में नजर आएंगी बतौर Judge
India youngest CEO Radhika Gupta: Shark Tank India के दोनों सीजन हिट रहे, लोगों ने इस शो को खूब प्यार दिया। ऐसे में शार्क टैंक इंडिया सीजन-3 की शूटिंग जारी है और उम्मीद लगाई जा रही है कि इसका पहला शो अगले साल जनवरी में टेलीकास्ट किया जा सकता है। Shark Tank India Season-3 में इस बार आपको कई नए जज देखने को मिलेंगे। जिसमें एक नाम राधिका गुप्ता का भी है, राधिका गुप्ता एक ऐसी महिला हैं, जिनके नाम इंडिया की सबसे यंग CEO होने का खिताब दर्ज है। उनकी जीवन गाथा लाखों लोगों को प्रेरणा देती है, अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने कई परेशानियों का सामना किया। उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को एक सफल महिला ही नहीं बल्कि एक सफल बिजनेसवुमन भी के रूप में भी साबित किया।
कौन हैं राधिका गुप्ता
राधिका गुप्ता का जन्म 1983 में पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन जब वह पैदा हुईं तो परिवार में खुशियों के साथ-साथ चेहरे पर निराशा भी छा गई, क्योंकि वह जन्म के समय स्वस्थ नहीं थीं। राधिका की जन्म के समय गले की हड्डी टूटी, जिसकी वजह उनकी गर्दन टेढ़ी रहती थी। इसकी वजह उन्हें दर्द के साथ-साथ कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। जब उनका स्कूल में दाखिला कराया गया, यहां पर उनको बुली किया जाता था। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को साबित कर दिखाया कि वह इतनी मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानेंगी।
संघर्ष से इंडिया की सबसे यंग CEO बनने तक
राधिका गुप्ता को स्कूल और कॉलेज के समय बहुत लोगों की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। स्कूल-कॉलेज में भी उन्हें कोई दोस्त नहीं बनाया चाहता था। इन सब चीजों से परेशान होकर एक बार उनके मन में आत्महत्या करने का ख्याल भी आया। लेकिन समय और उनकी मेहनत की बदौलत सब कुछ सही होता गया। लेकिन 2005 में मैकिन्से नाम की कंपनी जॉइन करने से पहले भी उन्हें अपने वर्क प्लेस पर भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने खुद को मजबूत कर अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया। अपनी जिंदगी में कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती रहीं।
स्कूल से लेकर वर्क प्लेस तक जिस लड़की का लोग गर्दन टेढ़ी होने की वजह से मजाक बनाया करते थे। आज वह लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। 33 साल की राधिका गुप्ता एडलवाइज ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड कंपनी की सीईओ हैं, वह इंडिया की सबसे यंग सीईओ हैं। उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उनके पिता एक राजनियक थे जिसके चलते उन्हें पाकिस्तान और अमेरिका सहित कई देशों में रहना पड़ा। वहां पर लोग उनका मजाक बनाया करते थे, एक बार उन्होंने परिस्थितियों से हार मान ली और आत्महत्या करना तक फैसला कर लिया था, लेकिन नीति को कुछ और ही मंजूर था, उन्होंने अपने संघर्ष से सीखा और लोगों के लिए एक उदाहरण बनीं।
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