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भारत और चीन की ‘लड़ाई’ में गईं एक लाख नौकरियां, अरबों रुपये का हुआ नुकसान

Escalating Tensions With China Loses 100000 Jobs : भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प को चार साल हो गए हैं। इस झड़प के बाद भारत और चीन के बीच में व्यापारिक 'युद्ध' शुरू हो गया जो अभी तक जारी है। इसकी सबसे ज्यादा मार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर पड़ रही है। इस सेक्टर को पिछले 4 साल में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

भारत-चीन के बीच तनाव का असर व्यापार पर पड़ रहा है।
Escalating Tensions With China Loses 100000 Jobs : भारत और चीन के बीच की 'लड़ाई' दोनों देशों पर भारी पड़ रही है। इसके कारण पिछले कुछ सालों में न केवल एक लाख नौकरियों खत्म हो गई हैं बल्कि अरबों रुपये का भी नुकसान हुआ है। यह कोई सरहद की लड़ाई नहीं बल्कि एक-दूसरे के बीच व्यापारिक लड़ाई है। हालांकि इसके तार सरहद की लड़ाई से जुड़े हैं। इसका असर चीन और भारत आने-जाने वाले अधिकारियों पर भी पड़ रहा है। इन्हें वीजा मिलने में देरी हो रही है।

जानें क्या है मामला

भारत और चीन के सैनिकों के बीच 4 साल पहले गलवान में झड़प हुई थी। इस झपड़ के कारण दोनों देशों के बीच काफी तनाव देखने को मिला था। तब से लेकर अब तक दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में भी दूरी आ गई है। इसका असर अभी तक दिखाई दे रहा है। इस 'लड़ाई' के कारण भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर्स को प्रोडक्शन में पिछले 4 साल में 15 बिलियन डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। यही नहीं, दोनों देशों की टेंशन का असर जॉब्स पर भी पड़ा है। पिछले 4 साल में एक लाख नौकरियाें का मौका भी निकल गया है। अगर यह सब कुछ नहीं होता तो इन 4 सालों में एक लाख लोगों को नौकरी मिल चुकी होती। यही नहीं विभिन्न मंत्रालयों को भेजे गए ज्ञापन में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने कहा कि भारत ने 2 अरब डॉलर (करीब 16,710 करोड़ रुपये) के वैल्यू एडिशन नुकसान के अलावा 10 अरब डॉलर (करीब 83,550 करोड़ रुपये) का निर्यात अवसर भी खो दिया है। [caption id="attachment_751426" align="alignnone" ] गलवान झड़प के बाद देशभर में चीन के सामान का विरोध हुआ था।[/caption]

वीजा मिलने में हो रही देरी

इकॉनोमी टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक इसका असर वीजा मिलने पर भी पड़ रहा है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक 4000 से 5000 चीनी अधिकारियों के वीजा एप्लीकेशन लंबित पड़े हैं। ये एप्लीकेशन सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। यह मंजूरी न मिलने से भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को विस्तार करने में परेशान आ रही है। हालांकि यह तब है जब भारत वीजा से संबंधित ऐसे सिस्टम पर काम कर रहा है जो 10 दिन में वीजा एप्लीकेशन को पूरा कर देगा। इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रोनिक्स एसोसिएशन (ICEA) और मैन्युफैचरर्स एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MAIT) लॉबी ग्रुप ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि चीनी अधिकारियों के वीजा एप्लीकेशन को जल्द अप्रूव किया जाए। अभी इसमें एक महीने तक का समय लग रहा है।

भारत सरकार ने उठाए थे ये कदम

गलवान घाटी झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन से जुड़ी कई चीजों पर सख्त कदम उठाया था। सरकार ने कई चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था। साथ ही भारत में कारोबार करने वाली चीनी कंपनियों की टैक्स चोरी से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोपों की जांच हुई। चीनी अधिकारियों के वीजा में देरी की जाने लगी। इन सबका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा। यह भी पढ़ें : कबूतरों, गिलहरियों को दी जाएंगी गर्भ निरोधक गोलियां! इन मासूमों से इंसानों को खतरा?


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