ICMR on 81 Crore Data Leak: कुछ दिन पहले एक ऐसी खबर आई थी जिसे सुनकर सभी भारतीय चौंक गए थे, दरअसल एक साथ 81 करोड लोगों का डाटा लीक होने की बात कही गई थी, अब इस पर ICMR ने अपनी सफाई दी है, साथ में यह भी बताया है कि किस तरीके से डाटा को लीक किया गया। जैसा हम जानते हैं कि कोरोना पीरियड में भारतीय सरकार ने कई सारे ऑनलाइन पोर्टल खोले। जिसके जरिए लोगों तक जानकारी दी जा सके और कोरोना पेशेंट के बारे में जानकारी हासिल की जा सके। इन सभी पोर्टल पर पेशेंट की आधार जानकारी सबसे पहले ली जा रही थी, जिससे कोरोना मरीज की पहचान करके, इस रोग को आगे फैलने से रोका जा सके।
डेटा लीक हुआ है, चोरी नहीं हुआ
इन्ही पोर्टल की जानकारियों को किसी ने लीक कर दिया है। ICMR का कहना है कि डेटा लीक हुआ है, चोरी नहीं किया गया। लीक होना और चोरी होने में बहुत अंतर होता है। हुआ यह है कि कोविड के समय में जितने भी पोर्टल चल रहे थे, उन सभी के अलग-अलग जगह पर डेटाबेस रखने के लिए सर्वर तैयार किए गए। उन्ही सर्वरों में से कुछ सर्वन का डेटा काम करने वाले कर्मचारियों ने लीक किया है।
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पहले भी हो चुका है साइबर हमला
लीक होने की पूरी पुख्ता जानकारी है। इसके लिए आगे जांच भी की जा रही है और उम्मीद है कि आने वाले दो से तीन महीने के अंदर आरोपियों को पकड़ा भी जाए। आपको बताते चलें ICMR की वेबसाइट कई बार हैक हुई है। इससे पहले भी डेटा लीक होने की जानकारी सामने आई थी। लेकिन तब ICMR के अधिकारियों ने इसको सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन इस बार अधिकारी खुद मान रहे हैं कि हां डेटा लीक जरूर हुआ है।
आधार करें सेफ
सरकार ने कहा है कि अगर आपको लगता है कि आपके आधार की डिटेल्स हैक हो गई है तो फिर आधार को लॉक करा दें। जिससे आगे किसी भी समस्या से बचा जा सकता है।