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अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीयों को बड़ा झटका, 4 प्वॉइंट में समझें बड़ी कंपनियों ने क्यों रोके ग्रीन कार्ड आवेदन?

Green Card Application Suspended For Immigrants In America: भारत में कई ऐसे लोग हैं जो कमाने के लिए विदेश जाते हैं। इन देशों में से एक है अमेरिका। जो भारतीय अमेरिका में हैं उन्हें परमानेंट रेजीडेंसी पाने के लिए ग्रीन कार्ड चाहिए होता है। इस बीच क्या आप जानते हैं कि कुछ बड़ी कंपनियों ने ग्रीन कार्ड एप्लीकेशन रोक दिया है। प्वॉइंट्स में जानें क्यों लिया गया फैसला?

Green Card Application Suspended For Immigrants In America
Green Card Application Suspension Reason: अगर आप भी विदेश में सेटल होने का सपना देख रहे हैं तो आपका यह सपना चूर हो सकता है। बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अमेरिकी ग्रीन एप्लीकेशन रोक दिए हैं। अमेरिका की सरकार द्वारा उन प्रवासियों को ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है जो अमेरिका में रहकर नौकरी करते हैं। प्वाइंट में जानें एप्लीकेशन रोकने का फैसला क्यों लिया गया? आपको बता दें कि Amazon और Google दोनों कंपनियों ने प्रोग्राम इलेक्ट्रॉनिक रिव्यू मैनेजमेंट यानी PERM एप्लिकेशन को अगले साल तक रोक दिया है। PERM की देखरेख अमेरिकी श्रम विभाग करता है और यह परमानेंट लेबर सर्टिफिकेशन लेने में अहम कदम है। यह अक्सर ग्रीन कार्ड के पाने से पहले होता है। कंपनी की पॉलिसी और छंटनी: अमेजन ने आंतरिक रूप से परिचालन चुनौतियों का हवाला देते हुए इस साल की शुरुआत में 2024 के लिए सभी PERM फाइलिंग को रोकने के अपने निर्णय की घोषणा की। इसी तरह, Google ने भी जनवरी 2023 में 12,000 कर्मचारियों को प्रभावित करने वाली छंटनी के बीच अपने PERM आवेदनों को निलंबित कर दिया। हालांकि, साल 2025 की पहली तिमाही में इस प्रोसेस को फिर से शुरू करने की योजना बनाई गई है। विदेश में काम कर रहे लोगों पर असर: PERM एप्लिकेशंस के रोके जाने से विदेशी वर्कर्स पर इसका काफी असर पड़ता है। विशेष तौर पर तकनीकी सेक्टर के लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं जो नौकरी करने के लिए अमेरिका में रेजीडेंसी चाहते हैं। प्रोसेस पर रोक लगने से विदेशी उम्मीदवारों को देश में नौकरी पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। भविष्य में असर: मौजूदा इमीग्रेशन सिस्टम के बैकलॉग और बाधाओं को दूर करने के लिए सुधारों के बिना, ग्रीन कार्ड के लिए वेटिंग पीरियड जारी रहने की उम्मीद है। इससे अमेरिकी रोजगार के अवसरों की ज्यादा मांग वाले देशों के स्किल्ड वर्कर्स पर और ज्यादा असर पड़ेगा। भारतीयों के सामने चुनौतियां: चीन और फिलीपींस के साथ-साथ भारत के हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल्स को पैर-कंट्री परमिट्स और एनुअल कोटा की वजह से ग्रीन कार्ड अप्रूवल के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। आश्रितों समेत 12 लाख से ज्यादा भारतीय बैकलॉग में फंसे हुए हैं जो मौजूदा इमीग्रेशन सिस्टम पर दबाव को हाईलाइट करता है। यह भी पढ़ें: IIT के छात्रों को क्यों नहीं मिल रही नौकरी? भारत में कुछ ऐसे हैं हालात यह भी पढ़ें: दो बेटी होने पर 1 लाख… 1 पर 50 हजार रुपये दे रही सरकार, जानें कैसे उठाएं योजना का लाभ?


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