साल 2025 का साल दोनों कीमती धातुओं के लिए जोरदार रहा है. सोने और चांदी की कीमतों में बेमिसाल बढ़ोतरी देखने को मिली. दोनों धातुओं की कीमत में पूरे साल तेजी जारी रही और यह एक ऐसा साल बन गया जिसमें इन धातुओं ने अब तक का सबसे ज्यादा रिटर्न दिया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) पर सोने की कीमतें एक साल में लगभग 78% बढ़ीं. जिस सोने की कीमत 20 दिसंबर 2024 को 75233 रुपये थी. वहीं 25 दिसंबर 2025 तक 1.38 लाख रुपये के पार हो गईं. वहीं चांदी ने इसी अवधि में 144% का जबरदस्त रिटर्न दिया, जो 85146 से बढ़कर 2.22 लाख प्रति किलोग्राम हो गई. इसी अवधि में, बेंचमार्क शेयर बाजार इंडेक्स, निफ्टी 50, सिर्फ 10.18% बढ़ा, जिससे कई निवेशकों ने पीले और सफेद धातुओं में निवेश करना शुरू कर दिया.
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सोना या चांदी, किसमें करें निवेश?
जब निवेश की बात आती है, तो एक्सपर्ट कहते हैं कि सोना पोर्टफोलियो को लंबे समय तक स्टेबल रिटर्न देने के लिए सबसे फैसला माना जा सकता है. खासकर SIP के जरिए सोने में निवेश करना, अच्छा रिटर्न पाने का बेहतरीन तरीका हो सकता है. लेकिन चांदी में छोटे पैमाने पर, समय के साथ धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए. न कि एक साथ, जब तक कि यह बाजार के अवसरों के आधार पर निवेश की रणनीति में फिट न हो.
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निवेशक कीमतों में उतार-चढ़ाव को मैनेज करने के लिए SIP के जरिए धीरे-धीरे खरीदारी करने पर विचार कर सकते हैं, जबकि टैक्टिकल एकमुश्त निवेश बाजार के अच्छे मौकों का फायदा उठा सकते हैं.
अगर आप चांदी में निवेश करना चाहते तो SIP के जरिए निवेश करना ही सही रहेगा. क्योंकि चांदी की औद्योगिक मांग आगे भी जारी रहेगी और इसकी वजह से एक स्ट्रक्चरल असंतुलन रहेगी. यानी आगे भी चांदी की कीमतों में तेजी जारी रहने वाली है. ऐसे में चांदी में निवेश फायदेमंद हो सकता है , लेकिन इसमें वोटैलिटी से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए संभलकर निवेश करें और इसमें निवेश के लिए एसआईपी ही सबसे सही तरीका है. एक्सपर्ट का मानना है कि SIP निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का मौका देता है.