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RBI से मिली राहत के बाद क्या Gold Loan भी होंगे सस्ते? जानें क्या है इस सवाल का जवाब

RBI Interest Rate Change and Loans: सोने की कीमतों में बीते कुछ समय में काफी तेजी देखने को मिली है। इस वजह से गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों की आर्थिक सेहत में भी सुधार हुआ है।

Gold Loan Rates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद क्या गोल्ड लोन भी सस्ता होने वाला है? इस सवाल का जवाब फिलहाल तो ना ही नजर आता है। रिजर्व बैंक ने करीब पांच साल के लंबे इंतजार के बाद हाल ही में नीतिगत ब्याज दरों में कमी की है। इसके चलते लोन सस्ते होने और EMI कम होने की उम्मीद बढ़ गई है। कुछ बैंकों ने बाकायदा ऐसा किया भी है, लेकिन अधिकांश बैंकों के ग्राहकों को अभी भी इस राहत का इंतजार है।

कमी की उम्मीद नहीं

मुथूट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (MD) जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट का कहना है कि रेपो रेट में कटौती से गोल्ड लोन सस्ता होने की संभावना नहीं है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, मुथूट ने कहा कि RBI की कटौती से फंड की लागत में मामूली कमी आने की उम्मीद है और इसलिए गोल्ड लोन के सस्ता होने की संभावना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कॉस्ट ऑफ फंड में 5-10 आधार अंकों की कमी आ सकती है। ऐसे में मुझे उम्मीद नहीं है कि लेंडिंग रेट में इतनी कमी आएगी। हालांकि, हम मार्जिन को 10.0-10.5% पर बनाए रखेंगे।

बेहतर रहे Q3

देश की सबसे बड़ी गोल्ड लोन कंपनी मुथूट फाइनेंस के तिमाही नतीजों की बात करें, तो उसके शुद्ध लाभ में 33% की वृद्धि देखी गई है। इसी तरह, कंपनी की शुद्ध ब्याज आय 1,905.7 करोड़ से 42.8% बढ़कर 2,721.4 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने बीते कुछ महीनों में 1.37 मिलियन नए ग्राहक जोड़े हैं। मुथूट की आय में वृद्धि की प्रमुख वजह गोल्ड की डिमांड में मजबूती और उसकी कीमतों का तेजी से ऊपर जाना है। यह भी पढ़ें - गिरावट की आंधी के बीच भी डटकर खड़े रहे ये शेयर, 2025 में अब तक दिया Gold से ज्यादा रिटर्न

लोन लेने वाले बढ़े

जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट ने कहा कि गोल्ड लोन की डिमांड बढ़ी है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में अन्य स्रोतों खासकर, फिनटेक लेंडिंग और माइक्रोफाइनेंस लेंडिंग से क्रेडिट प्रभावित हुआ है, इस वजह से गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या बढ़ी है। बता दें कि मुथूट ने तीसरी तिमाही में माइक्रोफाइनेंस लेंडिंग में भारी गिरावट देखी। इसकी सहायक कंपनी बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) दिसंबर अंत में 87,032 करोड़ रहा, जबकि सितंबर के अंत में यह 96,253 करोड़ था।

यह बिजनेस प्रभावित

मुथूट फाइनेंस के MD ने कहा कि हमारा माइक्रोफाइनेंस बिजनेस अगली तीन, चार तिमाहियों तक ठप रहने वाला है। सभी माइक्रोफाइनेंस कंपनियां इस समय परेशानियों से जूझ रही हैं और इसलिए उन्होंने लोन देने कम कर दिए हैं। वहीं, शेयर मार्केट की बात करें तो Muthoot Finance के शेयर कल गिरावट के साथ 2,245.15 रुपये पर बंद हुए थे। बीते 5 सत्रों में इसमें 1.20% की मजबूती भी आई है।


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