Private Investment in GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों का भरोसा पहले से ज्यादा पुख्ता हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिपोर्ट में बताया गया है कि GDP में प्राइवेट निवेश वित्त वर्ष 24 में आठ वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने वाला है।
निवेश में हुआ सुधार
रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट कॉर्पोरेट इन्वेस्टमेंट में मजबूत सुधार हुआ है और वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी में निवेश का यह आंकड़ा 12.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। जीडीपी में प्राइवेट कॉर्पोरेट इन्वेस्टमेंट 11.9 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो वित्त वर्ष 2016 के बाद से सबसे अधिक है। फरवरी के अंत में जारी होने वाले वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों में इसके जीडीपी के 12.5 प्रतिशत तक होने पहुंचने का अनुमान है।
निजी हिस्सेदारी अधिक
SBI की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकारी निवेश में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह वित्त वर्ष 23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.1 प्रतिशत को छू गया, जो वित्त वर्ष 12 के बाद सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल से दिसंबर 2024) में भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश संबंधी घोषणाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस अवधि के दौरान भारतीय कंपनियों ने 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 23 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 39% अधिक है। इन घोषणाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी लगभग 70 प्रतिशत तक रही।
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निरंतर निवेश का संकेत
रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों के ग्रॉस ब्लॉक में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया है। मार्च 2024 तक लगभग 4500 सूचीबद्ध कंपनियों ने सामूहिक रूप से अपने ग्रॉस ब्लॉक को बढ़ाकर 106.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया, जबकि मार्च 2020 में यह 73.94 लाख करोड़ रुपये था। यह पिछले पांच वर्षों में सालाना 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, मार्च 2024 तक 13.63 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत कार्य प्रगति पर थे, जो आने वाले वर्षों में निरंतर निवेश का संकेत देते हैं।
विश्वास को दर्शाता डेटा
स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह डेटा भारत की आर्थिक संभावनाओं में प्राइवेट कंपनियों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, जिसे सहायक सरकारी नीतियों और बुनियादी ढांचे के विकास से बल मिला है। इससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।