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EPFO Insurance Scheme: ईपीएफओ खाता धारक कैसे उठाएं 7 लाख के बीमा का फायदा? यहां जानें सबकुछ

EPFO Insurance Scheme: अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आपका पीएफ कटता है तो आपके लिए अच्छी और जरूरी खबर है। ईपीएफओ (EPFO) अपने खाता धारकों की सुरक्षा के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के साथ-साथ कई स्कीम चलाता है। ईपीएफओ अपने खाता धारकों को इंश्योरेंस के तहत 7 लाख रुपये तक का कवरेज भी देता […]

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EPFO Insurance Scheme: अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आपका पीएफ कटता है तो आपके लिए अच्छी और जरूरी खबर है। ईपीएफओ (EPFO) अपने खाता धारकों की सुरक्षा के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के साथ-साथ कई स्कीम चलाता है। ईपीएफओ अपने खाता धारकों को इंश्योरेंस के तहत 7 लाख रुपये तक का कवरेज भी देता है। ईपीएफओ अपने खाता धारकों के लिए इस तरह की मुख्य रुप से तीन स्कीम (EPFO Insurance Scheme) चलाता है... 1. ईपीएफ स्कीम (EPF Scheme, 1952) है, जिसमें प्रोविडेंट फंड का लाभ मिलता है। 2. ईपीएफओ की पेंशन योजना (Pension Scheme, 1995) जिसे ईपीएस (EPS) भी कहा जाता हैं। 3. ईडीएलआई (EDLI) इसे कर्मचारियों के जमा से जुड़ी बीमा योजना (Employees’ Deposit-Linked Insurance Scheme) भी कहा जाता है। ईडीएलआई (EDLI) का लाभ उस व्यक्ति को मिलता है जिसकी सैलरी से पीएफ कटता है। यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे समझना जरूरी है। ईडीएलआई (EPFO Insurance Scheme) के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 7 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर मिलता है, जो पीएफ में जमा होता है। अगर किसी कर्मचारी की अचानक मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को ईपीएफओ से इस बीमा के तहत 7 लाख रुपये तक की मदद मिल जाती है। इसका लाभ उसके नॉमिनी को मिलता है। ईडीएलआई की एक खास बात यह है कि इसमें सैलरी से कटौती का प्रावधान नहीं है, जैसा कि ईपीएफ और ईपीएस में होता है। इसलिए बहुत से लोगों को ईडीएलआई और इसके फायदों के बारे में जानकारी नहीं होती है। ईपीएफ और ईपीएस में एम्पलॉई को भी कंट्रीब्यूशन देना पड़ता है, जबकि ईडीएलआई का कंट्रीब्यूशन सिर्फ एम्पलॉयर यानी कंपनी से होता है। अब यह जानते हैं कि ईडीएलआई (EPFO Insurance Scheme) में कितना कंट्रीब्यूशन जाता है और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है। ईडीएलआई स्कीम के तहत एम्पलॉई की बेसिक सैलरी और डीए के 0.5 फीसदी के बराबर योगदान दिया जाता है, जिसकी अधिकतम राशि 75 रुपए होती है। आप अगर नौकरी बदलते हैं, तो भी इस स्कीम का लाभ आपको मिलता रहता है। इसके लिए शर्त यह है कि आपने कम से कम पिछले एक साल से लगातार काम किया हो और आपका पीएफ भी जमा हुआ हो। यह भी पढ़ें- आज ही खुलवाएं ये खाता, मिलेगा तीन गुना से भी ज्यादा फायदा, यहां देखें पूरा गणित अब सबसे जरूरी बात यह है कि कवरेज कैसे कैलकुलेट होता है। पिछले 12 महीने के दौरान कर्मचारी की औसत मासिक सैलरी का आधार रहता है और ईपीएफओ उस औसत के 35 गुना के बराबर का कवर प्रदान करता है। हालांकि, इसमें औसत मासिक सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपये है। इस तरह, 15 हजार का 35 गुना यानी 5.25 लाख रुपये का कवरेज खुद ब खुद मिल जाता है। उसके ऊपर से 1.75 लाख रुपये तक का बोनस ऑर्गेनाइजेशन द्वारा दिया जाता है, जिससे कुल कवरेज 7 लाख रुपये तक पहुंच जाता है।अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को कम्पोजिट क्लेम फॉर्म के जरिए पीएफ, पेंशन और ईडीएलआई का क्लेम करना होता है। इस प्रक्रिया में मृतक प्रमाणपत्र, उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों की जरूरत होती है। भुगतान के लिए जिस अकाउंट में राशि भेजी जाएगी, उसका कैंसल चेक भी देना होता है। यह भी पढ़ें - Pension Plan: अब बुढ़ापे की नो टेंशन, इस पॉलिसी में करें निवेश और जीवनभर पाएं पेंशनइसका लाभ उठाने यानी क्लेम करने की प्रक्रिया भी आसान है।   और पढ़िए – देश-दुनिया से जुड़ी तमाम बड़ी ख़बरें यहां पढ़ें


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