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Employees Layoff: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर! यह कंपनी करने जा रही है 350 कर्मचारियों की छंटनी, जानें डिटेल

Employees Layoff: भारत में गेमर्स और गेमिंग कंपनियों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के फैसले के बाद ऑनलाइन गेमिंग कंपनी मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने 350 नौकरियों में कटौती करने का फैसला किया है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, MPL के संस्थापक साई श्रीनिवास और शुभ मल्होत्रा ने मंगलवार देर […]

Employees Layoff: भारत में गेमर्स और गेमिंग कंपनियों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने के फैसले के बाद ऑनलाइन गेमिंग कंपनी मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने 350 नौकरियों में कटौती करने का फैसला किया है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, MPL के संस्थापक साई श्रीनिवास और शुभ मल्होत्रा ने मंगलवार देर रात एक ईमेल में अपने कर्मचारियों को उनके साथ काम करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि पिछला महीना कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण और अनिश्चित रहा है। ईमेल में कहा गया, 'नए नियमों से हम पर टैक्स का बोझ 350 से 400 फीसदी तक बढ़ जाएगा। एक व्यवसाय के रूप में, कोई 50 प्रतिशत वृद्धि के लिए तैयारी कर सकता है, लेकिन 400 फीसदी तक की अचानक वृद्धि को समायोजित करने का मतलब है कि हमें कुछ बहुत कठिन निर्णय लेने की आवश्यकता है।' छंटनी को लेकर MPL ने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप को सिकोइया कैपिटल का समर्थन प्राप्त है, जिसने 2019 में 35.5 मिलियन डॉलर के फंडरेजिंग राउंड का KE निवेश किया था। VCCircle के अनुसार, 2022 में कि फर्म ने 100 कर्मचारियों, या अपने कार्यबल के लगभग 10 प्रतिशत को यह कहते हुए हटा दिया था कि वह आगे वह ऐसा नहीं करेगी।

ये हैं तीन टॉप गेमिंग कंपनियां

तीन Fantasy स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म - DreamSports के स्वामित्व वाली ड्रीम 11, गेम्स24x7 के स्वामित्व वाली My11Circle, और Galactus Funware Technology के स्वामित्व वाली MPL, भारत के टॉप गेमिंग कंपनियों में से एक हैं और ऑल-इंडिया गेमिंग फेडरेशन द्वारा इस उद्योग का मूल्य 2-2.5 बिलियन डॉलर आंका गया है।

क्यों निकालना पड़ रहा है लोगों को?

भारत ने इस क्षेत्र पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। ऑनलाइन गेमिंग फर्मों ने 28% जीएसटी पर पुनर्विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखे, लेकिन सरकार ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया। कंपनियों ने पहले ही सरकार के इस फैसले पर नौकरियां जाने का अंदेशा जता दिया था। कहा गया था कि इससे क्षेत्र के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, नौकरी छूट जाएगी और कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रोजगार के अवसरों के नुकसान करेगा और प्रमुख निवेशकों पर भारी प्रभाव डालेगा, जिन्होंने इस उभरते क्षेत्र में भारी निवेश किया है।

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