नई दिल्ली: पुरुषों के अंडरवियर (Underwear) से आर्थिक मंदी (Recession) का संबंध है। सुनने में ये बात आपको जरूर थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन इसमें काफी हद तक सच्चाई भी है। दरअसल अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख एलन ग्रींसपैन (Alan Greenspan) की मानें तो पुरुषों की अंडरवीयर और टी-शर्ट से आर्थिक मंदी का सीधा संबंध है।
19 साल तक 1987 से लेकर 2006 तक अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख रहे एलन ग्रींसपैन अंडरवीयर और टी-शर्ट को किसी भी देश की आर्थिक स्थिति के इंडिकेटर के रूप में देखते हैं। इनका मानना है कि इससे मंदी का अनुमान लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि एलन ग्रींसपैन अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों के साथ काम किया। इनमें रोनाल्ड रीगन, जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश शामिल हैं।
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अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख का कहना है कि पुरुषों की अंडरवीयर और टी-शर्ट की बिक्री से मंदी का सीधा संबंध है। इनके मुताबिक किसी भी देश में पुरुषों की अंडरवीयर और टी-शर्ट की बिक्री में गिरावट का मतलब है कि वहां आर्थिक संकट आ चुका है या फिर आने वाला है। वहीं अगर इसकी ब्रिकी में तेजी आती है या फिर सामान्य रहता है तो इसका मतलब अर्थव्यवस्था पटरी पर है। चिंता की कोई बात नहीं है।
इनका तर्क है अंडरवीयर की बिक्री पूरे साल एक जैसे रहती है। कुछ ही बार ऐसा होता है जब इसके बिक्री गिरावट आती है। ऐसा तब होता है जब लोग फाइनेंशियल दवाब महसूस करते है और वो अपनी अंडरवीयर नहीं बदलते। उन्हें लगता है यही मंदी की दस्तक का समय है।
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दरअसल, मंदी के दौरान लोग इतना अधिक दबाव महसूस करते हैं कि वह अंडरवियर पर कम पैसे खर्च करने लगते हैं। 96 साल के एलन ग्रींसपैन का मानना है कि जब ऐसा वक्त आने लगता है तो समझ लेना चाहिए कि मंदी दस्तक देने वाली है।
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