कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का समय-समय पर उनके उत्सर्जन मानकों के लिए परीक्षण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें PUC प्रमाणपत्र दिया जाता है।
25 अक्टूबर से अगर पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं दिखाया तो नहीं मिलेगा ईंधन
राष्ट्रीय राजधानी में वाहन मालिकों को अब 25 अक्टूबर से फिलिंग स्टेशनों पर ईंधन प्राप्त करने के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हाल ही में घोषणा की थी।
बता दें कि पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों के मामले में प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपये है। यह चार पहिया (पेट्रोल) के लिए 80 रुपये और डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के लिए 100 रुपये है। आप बहुत आसानी से अपनी गाड़ी का प्रदूषण चेक करा सकते हैं।
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दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत 900 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र हैं। ये पूरे शहर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में स्थापित किए गए हैं ताकि मोटर चालक इसे आसानी से करा सकें।
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