नई दिल्ली: पिछले महीनों कई बार कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में कटौती हुई है। बीते दिन इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए। इसके बाद उम्मीद जताई गई कि पेट्रोल-डीजल 3 रुपये सस्ते हो सकते हैं। हालांकि, शुक्रवार को दामों में बढ़ोतरी की खबर है। तो क्या पेट्रोल-डीजल में अब कोई कटौती नहीं होगी?
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को नकारात्मक दायरे में खुलने के बाद रिकवरी हुई। सुबह लगभग 10.50 बजे, इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट का नवंबर अनुबंध 89.90 डॉलर प्रति बैरल था, जो पिछले बंद से 0.84% अधिक था। NYMEX पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का अक्टूबर अनुबंध 0.65% बढ़कर 84.08 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
विश्लेषकों ने कहा कि देश से ऊर्जा निर्यात पर मूल्य कैप लगाए जाने की स्थिति में यूरोप को तेल और गैस के निर्यात को रोकने की रूस की धमकी ने कीमतों को बढ़ा दिया। हालांकि, कच्चे तेल के दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक, चीन में नए सिरे से लॉकडाउन के बीच मांग की चिंताओं ने लाभ सीमित कर दिया।
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इसके अलावा विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी तेल शेयरों में वृद्धि का भी आने वाले दिनों में कीमतों पर असर पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि इस सत्र में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा
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