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क्या है न्यू इनकम टैक्स बिल? कब से होगा लागू और क्या हुए बदलाव

New Income Tax Bill: नए इकनम टैक्‍स बिल में सभी ईयर को खत्‍म करके अब 'टैक्‍स ईयर' कर दिया गया है। इस बिल में में "कर निर्धारण वर्ष" और "पूर्व वर्ष" जैसे शब्दों के स्थान पर "टैक्स ईयर" जैसे सरल शब्द रखे जाएंगे, जो कि आयकर कानून की भाषा को आसान बनाएगा।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण।
New Income Tax Bill 2025: लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर बिल पेश किया है। सरकार का दावा है कि यह मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट-1961 को सरल बनाकर आयकर कानून को आम लोगों के समझने योग्य बनाएगा और इससे मुकदमे की संख्या घटेगी। बता दें कि नया इनकम टैक्स बिल मौजूदा इनकम टैक्स-1961 से आकार में छोटा है। हालांकि, इसमें धाराएं और शेड्यूल ज्यादा हैं। 622 पन्नों के नए बिल में 23 चैप्टर में 536 धाराएं हैं और 16 शेड्यूल हैं, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं, 14 शेड्यूल हैं और यह 880 से अधिक पन्नों का है।

3 लाख शब्द कम किए गए

बता दें कि आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए नया कानून बनाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2025 के अपने बजट भाषण में किया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद नया आयकर कानून अधिक व्यवस्थित और वर्तमान कानून की तुलना में सरल होगा। नए इनकम टैक्स बिल का उद्देश्य कानून को सरल और स्पष्ट बनाना है। इस नए बिल से लगभग 3 लाख शब्द कम किए गए हैं। इससे कानून अधिक सुगम और समझने में आसान होगा। साथ ही, बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने और टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।

आसान और स्पष्ट भाषा

पुराने कानून में इस्तेमाल किए गए जटिल शब्दों को सरल बना दिया गया है। जैसे ‘नॉटविथस्टैंडिंग’ (Notwithstanding) को ‘इरिस्पेक्टिव ऑफ एनीथिंग’ (Irrespective of anything) में बदला गया है। इससे आम लोगों के लिए कानून पढ़ना और समझना आसान होगा। नए कानून में कई सारे नियम आसान कर दिए गए हैं। इससे मुकदमेबाजी कम होगी, जिससे टैक्स विवाद जल्दी सुलझेंगे और आम जनता के साथ सरकार को भी फायदा होगा।

नया आयकर विधेयक क्या है?

नया इनकम टैक्स बिल 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा। हालांकि, यह मौजूदा कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं करेगा। प्रस्तावित बदलाव और संशोधनों में 'टैक्स ईयर' का कंसेप्ट शामिल है, जो पहले 'फाइनेंशियल ईयर' या FY और 'एकाउंटिंग ईयर' या AY और अन्‍य ईयर की जगह लेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो मौजूदा आयकर कानूनों के तहत, उदाहरण के लिए 2023-24 में अर्जित आय के लिए कर का भुगतान 2024-25 में किया जाता है। नए बिल में जो बदलाव प्रस्तावित किए गए है उसमें 'टैक्स ईयर' की शुरुआत होगी। इसलिए एक वर्ष में अर्जित आय पर टैक्स उसी वर्ष चुकाया जाएगा। इसमें 'फ्रिंज बेनिफिट टैक्स' जैसे अनावश्यक सेक्शंस को भी हटा दिया गया है। नए बिल में टीडीएस से संबंधित प्रावधानों के लिए तालिकाएं शामिल की गई हैं। इसमें टीडीएस या किसी आय के स्रोत पर टैक्स कटौती, अनुमानित कराधान (Presumptive Taxation), वेतन और बैड लोन के लिए कटौती से संबंधित प्रावधानों के लिए तालिकाएं शामिल की गई हैं।

नए बिल में 1961 एक्ट को बदलने की कोशिश

कुल मिलाकर कहे तो नए बिल में 1961 के एक्ट को बदलने की कोशिश की गई है। क्योंकि, पुराने बिल की आलोचना पिछले 60 वर्षों में किए गए संशोधनों के कारण बहुत ज्यादा हो रही थी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "इनकम टैक्स एक्ट मूल रूप से 1961 में अधिनियमित किया गया था और 1962 में लागू हुआ था।" उन्होंने बताया कि उस समय बिल में 298 सेक्शंस थे। लेकिन, समय बीतने के साथ और सेक्शंस जोड़े गए और आज उनकी संख्या 819 है... इसे घटाकर हम 5 पर ला रहे हैं।" बता दें कि नए बिल में फैमिली पेंशन को लेकर राहत दी गई है। लेकिन TDS नहीं भरने वालों पर सख्ती दिखाई गई है। नए बिल के मुताबिक, अगर टीडीएस रिटर्न नहीं भरा तो रोज 500 रुपये की पेनाल्टी लगेगी।

नए बिल में क्या नहीं बदला?

नए इनकम टैक्स बिल में सबसे बड़ी बात यह है कि मौजूदा कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी 12 लाख तक की आय पर जो टैक्स छूट का ऐलान किया गया है, वो पूरी तरह लागू रहेगी। वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि 'मुख्य शब्द' और 'न्यायालय के फैसलों में परिभाषित होने वाले शब्द' बने रहेंगे।" इसके अलावा टोटल इनकम कैलकुलेशन के लिए होम प्रॉपर्टी और कैपिटल गेन से इनकम समेत कुछ धाराओं या अनुसूचियों के तहत कोई छूट या कटौती नहीं होगी। डिफेंस सर्विस जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्‍य कर्मचारियों को मिले ग्रेच्‍युटी को टैक्‍स से छूट दिया गया है। अग्निपथ योजना के तहत किए गए कंट्रीब्‍यूशंस पर कोई कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। हालांकि, पहले भी ऐसा ही नियम था, जिसे जारी रखा गया है। मेडिकल, होम लोन, पीएफ, हायर एजुकेशन लोन, इलेक्ट्रिक व्‍हीकल और इंश्‍योरेंस पर टैक्‍स छूट को जारी रखा गया है।


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