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आधार, ATM कार्ड, Bank डिटेल्स हुईं लीक, फिर भी नहीं होगा अकाउंट हैक!

How to Save Account: कुछ बातों का अगर ध्यान रखा गया तो हैकर्स के जाल में फंसने से बचा जा सकता है। जिससे आपके अकाउंट की सेफ्टी हो सकती है।

Photo Credit: Google
How to Save Account: जैसे-जैसे भारत डिजीटल हो रहा है वैसे ही देश में धोखाधड़ी के केसों में इजाफा हो रहा है। आए दिन खबरों में आता है कि ग्राहकों के साथ फ्रॉड किए जा रहे हैं। RBI की रिपोर्ट की मानें तो भारत में हर दिन 1000 से ऊपर केस साइबर फ्रॉड के होते हैं। इसलिए आज के समय में सावधानी ही एक ऐसा जरिया है जो हमें ऐसे फ्रॉड से बचा सकती है। साल 2016 से भारत में डिजिटल लेनदेन में कमाल का उछाल देखने के लिए मिला है। और जब से UPI आया है तब से तो क्या ही कहने। कैश के लेनदेन गांवों को छोड़कर शहरों में बेहद की कम हो गए हैं। इसलिए आज हम आपको एक ऐसी सावधानी के बारे में बताते हैं, जिस तरफ ग्राहकों का ध्यान बेहद ही कम जाता है। साथ में अगर आपके आधार के साथ ATM कार्ड, बैंक डिटेल्स भी लीक हो जाती हैं तब भी आपका अकाउंट सेफ रहेगा।

OTP है आपकी ताकत

बैंकों की तरफ से ग्राहकों को OTP यानी One Time Password की सुविधा दी है। ये एक ऐसा कवच है जिसका तोड़ निकालना मुश्किल होता है। पर अगर आप खुद से किसी को अपना ओटीपी बता देंगे तो ये वही कहावत हो जाएगी, अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना। इसलिए अपनी तरफ से कोई भी गलती ना करें। पर कहते हैं ना कि कोई भी चीज 100 फीसदी सटीक नहीं होती।

OTP का भी निकाल लिया तोड़

ओटीपी का तोड़ हैकर्स ने मोबाइल फोन हैक करके निकाल लिया। हैकर्स ने सोचा कि पूरा फोन ही हैक कर लें तो सारा काम हो ही जाएगा। इसलिए अपने फोन का खास ध्यान रखिए। अब सवाल आता है कि कैसा हैकर्स किसी का फोन हैक कर लेते हैं?

ऐसे होता है फोन हैक

देखिन फोन हैक दो तरीके से होता है। या तो आपका फोन हैकर्स को मिल जाए। या फिर उसकी भेजी हुई लिंक पर क्लिक कर दें, और आपके फोन में कोई वायरस एंटर कर जाए। पहला वाला तरीका होना बेहद ही मुश्किल है, क्योंकि हम अपने घर वालों को तो फोन देते नहीं हैं, हैकर्स तक कैसे पहुंचने देंगे। इसलिए अब बचता है दूसरा तरीका। यानी हैकर्स की भेजी हुई लिंक। होता ये है कि जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं, वैसे ही एक मॉलवेयर यानी आसान भाषा में वायरस आपके फोन में एंटर कर जाता है। मॉलवेयर का काम होता है कि आपके फोन की जानकारी अपने मालिक यानी हैकर्स तक पहुंचाना। मान लीजिए आपकी डिटेल्स हैकर्स के पास है, वो आपके अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा है, ओटीपी आपके फोन पर आएगा, और ओटीपी क्या है इसकी जानकार हैकर्स को मॉलवेयर के जरिए मिल जाएगी। जिससे आपका अकाउंट खाली हो जाएगा।

सरकार की वेबसाइट की लें मदद

इसलिए अपने फोन पर आई किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें। हो सकता है कि उससे वायरस आपके फोन में एंटर हो जाए। सरकार भी इसमें आपकी मदद कर रही है। सरकार की वेबसाइट Cyber Swachhta Kendra: Security Tools (csk.gov.in) पर जाकर अपने फोन को स्कैन करा सकते हैं कि कहीं फोन में कोई दुश्मन तो नहीं छिपा है।


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