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अडाणी पोर्ट्स की आय में हुई 21 % की शानदार वद्धि, FY26 की पहली तिमाही के आए नतीजे

अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशनल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने जून 2025 में समाप्त हुई FY26 की पहली तिमाही के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस तिमाही में अडाणी पोर्ट्स की कमाई में 21 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, मरीन सेगमेंट की आय करीब 2.9 गुना और लॉजिस्टिक की आय दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।

अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने जून 2025 में खत्म हुई फाइनेंशियल ईयर 2025-26 की पहली तिमाही के लिए अपने फाइनेंशियल रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। इसमें कंपनी की आय में पिछले साल की तुलना में 21% की शानदार वृद्धि देखी गई।

आय में वृद्धि का मुख्य कारण लॉजिस्टिक्स कारोबार में दोगुनी और मरीन कारोबार में 2.9 गुना की बढ़ोतरी माना जा रहा है। वहीं, अडाणी पोर्ट्स के सीईओ अश्वनी गुप्ता ने कहा कि 'हमारे लॉजिस्टिक्स और मरीन कारोबार अब सहायक हिस्से नहीं हैं, बल्कि ये हमारे भविष्य के पोर्ट इकोसिस्टम को नया आकार दे रहे हैं। पोर्ट से लेकर ग्राहक तक की सप्लाई चेन को मजबूत करने की हमारी रणनीति और वैश्विक विस्तार हमें FY26 के लक्ष्यों की ओर तेजी से ले जा रहा है।'

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मार्केट में बढ़ी हिस्सेदारी

अडाणी पोर्ट्स ने इस तिमाही में 121 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो संभाला, जो पिछले साल की तुलना में 11% अधिक है। इससे कंपनी की भारत में बाजार हिस्सेदारी 27.2% से बढ़कर 27.8% हो गई, जबकि कंटेनर बाजार में हिस्सेदारी 45.2% रही। कंपनी ने श्रीलंका के कोलंबो में एक पूरी तरह स्वचालित कंटेनर टर्मिनल और ओडिशा के धामरा पोर्ट में नया निर्यात टर्मिनल शुरू किया। कोलंबो का टर्मिनल 35 साल के BOT समझौते के तहत बनाया गया है, जो पूरा होने पर 32 लाख TEUs (कंटेनर यूनिट्स) संभालने की क्षमता रखेगा।

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धामरा पोर्ट में दो नए बर्थ का निर्माण शुरू हुआ है, जिससे इसकी क्षमता 92 MMT तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही एक बड़े कार्बन ब्लैक निर्माता से तरल कार्गो हैंडलिंग का अनुबंध और एक स्टील निर्माता के लिए कोल्ड रोल्ड कॉइल्स का वेयरहाउस शुरू किया गया। केरल के विजिनजम पोर्ट ने अपने पहले साल में ही नौवें महीने में 100% क्षमता के साथ काम करने शुरू कर दिया और अब दूसरे चरण का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा, कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट के अधिग्रहण को मंजूरी दी है, जो 50 MTPA क्षमता वाला एक मल्टी-यूजर निर्यात टर्मिनल है। यह सौदा नियामक मंजूरी के अधीन है।

आय में हुई दोगुनी वृद्धि

अडाणी लॉजिस्टिक्स ने इस तिमाही में 571 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,169 करोड़ रुपये की आय दर्ज की, जो लगभग दोगुना है। आय में इस वृद्धि का मेन कारण ट्रकिंग और अंतरराष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क में तेजी से विस्तार रहा। कंपनी को गुजरात के विरोचननगर, राजस्थान के किशनगढ़ और कर्नाटक के मलूर में EXIM ऑपरेशन्स शुरू करने की मंजूरी मिली। इसके साथ ही, ICD तुम्ब और ICD पटली के बीच डबल स्टैक कंटेनर रेल मूवमेंट शुरू किया गया, जिसने लॉजिस्टिक्स दक्षता को और बढ़ाया। मुंद्रा पोर्ट ने एक ही दिन में 3,234 TEUs और 23 डबल-स्टैक कंटेनर रेल लोड करने का रिकॉर्ड बनाया, जो भारतीय पोर्ट्स के इतिहास में एक नया कीर्तिमान है।

मरीन कारोबार ने बनाया नया रिकॉर्ड

अडाणी पोर्ट्स के मरीन कारोबार की आय 188 करोड़ रुपये से बढ़कर 541 करोड़ रुपये हो गई। इसका अर्थ है कि आय में 2.9 गुना की वृद्धि हुई। इस क्षेत्र में 118 जहाजों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। कंपनी की सहायक कंपनी ओशन स्पार्कल ने अपने पूरे जहाजी बेड़े में क्लाउड-आधारित वेसल मैनेजमेंट सिस्टम (SeaFlux) लागू किया, जिसने परिचालन दक्षता को और बेहतर बनाया। मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण एशिया (MEASA) क्षेत्र में तेजी से बढ़ता मरीन बेड़ा अडाणी पोर्ट्स की एकीकृत परिवहन रणनीति को और मजबूती दे रहा है।

3,311 करोड़ का हुआ शुद्ध लाभ

अडाणी पोर्ट्स की कुल आय 7,560 करोड़ रुपये से 21% बढ़कर 9,126 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी का EBITDA 13% बढ़कर 5,495 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ (PAT) 7% बढ़कर 3,311 करोड़ रुपये रहा। घरेलू पोर्ट्स की आय 14% बढ़कर 6,137 करोड़ रुपये और EBITDA मार्जिन 74.6% रहा। अंतरराष्ट्रीय पोर्ट्स की आय 22% बढ़कर 973 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें EBITDA मार्जिन 13% से बढ़कर 21% हुआ।

कंपनी ने अपने लॉन्गटर्म पूंजी प्रबंधन के तहत कर्ज की औसत अवधि को 4.3 साल से बढ़ाकर 5.2 साल किया और सभी बॉन्ड इश्यू पर लागत को 116 आधार अंकों तक कम किया। इसके लिए LIC को 15 साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCDs) जारी किए गए और 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक के बॉन्ड्स की बायबैक पेशकश शुरू की गई। 29 जुलाई 2025 तक 384 मिलियन डॉलर की बोली प्राप्त हो चुकी है। कंपनी का नेट डेट/EBITDA अनुपात 1.8x रहा।

पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रही कंपनी

अडाणी पोर्ट्स ने पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया। कंपनी को कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट (CDP) 2024 में 'लीडर' का दर्जा मिला और इसके 12 पोर्ट्स को 'ज़ीरो वेस्ट टू लैंडफिल' सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ। हजीरा पोर्ट ने CSIR-CRRI और विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से भारत का पहला स्टील स्लैग रोड बनाया, जो पर्यावरण के लिए एक अनूठा कदम है। नेताजी सुभास डॉक, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट में इलेक्ट्रिक मोबाइल हार्बर क्रेन (MHCs) तैनात किए गए, जो जीवाश्म ईंधन से चलने वाले उपकरणों से हटकर एक बड़ा बदलाव है।

कंपनी को ISS ESG रेटिंग में “प्राइम” दर्जा, CRISIL से 'मजबूत' ESG स्कोर (61) और NSE सस्टेनेबिलिटी रेटिंग में 69 का स्कोर मिला, जो इसे शीर्ष 15% कंपनियों में रखता है। SES ESG रिसर्च ने इसे 74.6 स्कोर के साथ 'मध्यम जोखिम' ग्रेड B+ दिया।

मिले कई पुरस्कार

अडाणी पोर्ट्स ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार अपने नाम किए। मुंद्रा पोर्ट को इंडिया मैरीटाइम अवार्ड्स में 'बेस्ट प्राइवेट सेक्टर पोर्ट' और 'बेस्ट कंटेनर टर्मिनल' का खिताब मिला। गंगावरम, विज़िनजम और धामरा पोर्ट्स ने 24वें ग्लोबल एनवायरनमेंट अवार्ड्स में पर्यावरण संरक्षण और कचरा न्यूनीकरण के लिए पुरस्कार जीते। गोवा पोर्ट के टर्मिनल को सस्टेनेबल ऑपरेशन्स के लिए डायमंड अवार्ड मिला। साथ ही, 7वें इंडिया लॉजिस्टिक्स स्ट्रैटेजी समिट में मुंद्रा को 'बेस्ट पोर्ट सर्विस प्रोवाइडर' और अडाणी लॉजिस्टिक्स को 'लॉजिस्टिक्स चैंपियन' का सम्मान प्राप्त हुआ।

अडाणी पोर्ट्स बना वैश्विक सप्लाई चेन का मजबूत स्तंभ

अडाणी पोर्ट्स भारत की सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर कंपनी है, जो पश्चिमी तट पर 6, दक्षिणी तट पर 5 और पूर्वी तट पर 4 पोर्ट्स संचालित करती है। ये पोर्ट देश के कुल पोर्ट वॉल्यूम का लगभग 28% संभालते हैं। कंपनी ने हाल ही में श्रीलंका के कोलंबो में ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, इजराइल में हैफा पोर्ट और तंजानिया में दार एस सलाम पोर्ट के कंटेनर टर्मिनल 2 का संचालन शुरू किया है। अपने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, ग्रेड A वेयरहाउस और औद्योगिक आर्थिक ज़ोन के साथ, अडाणी पोर्ट्स वैश्विक सप्लाई चेन में एक मज़बूत स्थिति रखता है। कंपनी का लक्ष्य अगले दशक में दुनिया की सबसे बड़ी पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनना है।

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