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Success Story of A. Velumani : कभी 150 रुपये में की थी नौकरी, आज 3500 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक

Success Story of A. Velumani : सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं, तब भी उनका सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ किया ए. वेलुमणि ने। बचपन गरीबी में बीता। शुरुआत में मां ही सहारा थी, जो किसी तरह घर का खर्च चला पाती थी। बाद में हालात कुछ सुधरे। उन्होंने कंपनी बनाई। आज इसकी वैल्यू 3500 करोड़ रुपये है।

A Velumani
Success Story of A. Velumani : तमिलनाडु के कोयंबटूर में गरीब परिवार में पैदा हुए ए. वेलुमणि का बचपन काफी संघर्ष में गुजरा। पिता बीमार थे, जिसके कारण परिवार की जिम्मेदारी मां पर आ गई। परिवार की आर्थिक मदद के लिए वेलुमणि ने भी एक केमिस्ट की दुकान में नौकरी कर ली। उन्हें वहां से 150 रुपये महीने मिलते थे। हालांकि ऐसी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। केमिस्ट की दुकान से उन्हें जो सैलरी मिलती थी, उसमें से वह 50 रुपये अपने पास रखते थे और 100 रुपये मां के पास भेज देते थे। कुछ समय बाद वह कंपनी बंद हो गई और वेलुमणि की जॉब छूट गई।

भाभा रिसर्च सेंटर में लगी नौकरी

विपरीत हालातों में भी वेलुमणि ने अपनी पढ़ाई जारी रखी थी। उन्होंने पीएचडी की डिग्री लेने के बाद भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में लैब असिस्टेंट की पोस्ट के लिए अप्लाई किया। इसमें उनका सेलेक्शन हो गया। इस दौरान उनकी सुमति से मुलाकात हुई जो सरकारी बैंक में काम करती थीं। दोनों ने शादी कर ली। रिसर्च सेंटर में करीब 14 साल काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। [caption id="attachment_718262" align="alignnone" ] A Velumani[/caption]

पीएफ के पैसों से शुरू की कंपनी

वेलुमणि ने भाभा रिसर्च सेंटर की नौकरी छोड़ने के बाद अपनी सेविंग और पीएफ के पैसे से 1995 में थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने अपनी पहली लैब मुंबई में खोली। शुरुआत में उनका फोकस केवल थॉयरॉइड के टेस्ट पर था। जब लैब खोली तो शुरू में बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। इक्का-दुक्का ही ग्राहक आते थे। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। बाद में इनकी कंपनी ने दूसरे टेस्ट को भी शामिल किया। इससे उनकी कंपनी उबरने लगी और ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। कंपनी को आगे ले जाने के लिए वह शुरू में कोई सैलरी नहीं लेते थे। कंपनी में जो भी कमाई होती थी, उसे वह कंपनी में ही लगा देते थे ताकि कंपनी को बढ़ाया जा सके। [caption id="attachment_718264" align="alignnone" ] A Velumani[/caption]

IPO आने से पहले हुआ पत्नी का निधन

वेलुमणि की कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट होनी थी। साल 2016 में कंपनी का IPO आने वाला था। IPO आने पहले ही उन्हें पता चला कि पत्नी को कैंसर है। IPO आने से करीब 50 दिन पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'शुरुआती जीवन में मेरी सफलता की प्रेरणा मेरी मां थी और मेरी बिजनेस सक्सेस की वजह मेरी पत्नी थी।' यह भी पढ़ें : Success Story of Yash Jain : 18 साल की उम्र में शुरू की कंपनी, आज करोड़ों रुपये की हुई वैल्यू

आज 3500 करोड़ रुपये की हुई कंपनी

वेलुमणि की कंपनी आज देशभर में अपनी पहचान बना चुकी है। एक लाख रुपये के निवेश से शुरू हुई कंपनी की वैल्यू आज 3500 करोड़ रुपये हो चुकी है। मई 2016 में कंपनी का IPO आया था। मार्च तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 158 करोड़ रुपये था।


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