8वें वेतन आयोग को लेकर अब मोटे तौर पर बातें साफ होने लगी हैं. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, सरकार ने एक बार फिर आयोग की टाइमलाइन पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया और यह कन्फर्म किया कि प्रोसेस आगे बढ़ रहा है, लेकिन लागू करने पर आखिरी फैसला बाद में लिया जाएगा. लेकिन लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस बात का इंतजार है कि 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी या पेंशन में कितना बदलाव होगा?
बता दें कि केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए नवंबर 2025 में नियमों को मंजूरी दी है और आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 18 महीने का समय दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू हो गई है.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें : PAN-Aadhaar लिंक न करने पर लगेगा 1000 रुपये का जुर्माना, ब्लॉक होगा पैन कार्ड
---विज्ञापन---
वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स इस सवाल के जवाब की भी तलाश कर रहे हैं कि 8वें वेतन आयोग के आने से उनकी सैलरी या पेंशन में कितना फर्क दिखेगा? हालांकि इस बारे में सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन पिछले ट्रेंड और फिटमैन फैक्टर को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है. 7वें वेतन आयोग में करीब 23 से 25 फीसदी के आसपास बढ़ोतरी रही थी. जबकि 6वें वेतन आयोग में औसतन करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
अगर 8वें वेतन आयोग को लेकर अंदाजा लगाया जाए तो सैलरी में 20 से 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. वैसे ये फैसला फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा, जो 2.4 से 3.0 के बीच रह सकता है. इस हिसाब से 18000 सैलरी वाले का वेतन 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद 30 से 32 हजार हो सकता है. पेंशन को लेकर भी यह साफ हो गया है कि 8वें वेतन आयोग के दायरे में पेंशनर हैं, इसलिए उनकी पेंशन भी रिवाइज होगी.
यह भी पढ़ें : 1 जनवरी से शुरू हो रही भारत टैक्सी, ओला-उबर की उड़ेगी नींद
बता दें कि सरकार ने महंगाई भत्ता अब बेसिक सैलरी पर भी साफ जवाब दिया है कि अभी इन दोनों को मर्ज करने के किसी भी प्लान की चर्चा नहीं है और DA या DR अलग से ही दिया जाएगा.
बढ़ी हुई सैलरी बैंक अकाउंट में कब आएगी?
कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि कागजों पर तो 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सैलरी में बदलाव होने की उम्मीद है. लेकिन असल में, कर्मचारियों को ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है. पिछले ट्रेंड्स पर गौर करें तो लागू होने की तारीख और पहली बढ़ी हुई सैलरी के बैंक अकाउंट में आने के बीच आमतौर पर लंबा समय होता है.
उन्होंने 7वें वेतन आयोग का उदाहरण दिया, जो जनवरी 2016 से लागू हुआ था, लेकिन उसे उस साल जून में ही कैबिनेट की मंजूरी मिली थी और बकाया अगले महीनों में दिया गया था. 8वें वेतन आयोग के पास अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 18 महीने हैं. फिर इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलेगी. इसके अलावा विभागों द्वारा दोबारा कैलकुलेशन होगी. इस पूरी प्रक्रिया में समय लग सकता है. कर्मचारियों को FY 2026-27 में कभी भी असल भुगतान के लिए तैयार रहना चाहिए.