इन दिनों इंडियन बाजार में एसयूवी गाड़ियां सबसे ज्यादा पसंद की जा रही हैं। स्पोर्ट्स लुक, दमदार सुरक्षा और ज्यादा स्पेस के कारण इनकी बाजार में हाई डिमांड है। कार कंपनियां इन्हें सड़क पर परिवार के लिए सुरक्षित आवाजाही का साधन होने का दावा करते हुए पेश करती हैं तो ग्राहक कम बजट में अपनी धाक जमाने के लिए ऊंची बोनट वाली इन गाड़ियों को धड़ल्ले से खरीद रहे हैं।
भारतीय बाजार में 43 लाख एसयूवी गाड़ियों की बिक्री हुई
आंकड़ों की बात करें तो ग्लोबल डाटा की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में दुनिया भर में बेची गई कुल कारों में से 54% गाड़ियां एसयूवी थीं। सबसे ज्यादा चीन में 11.6 मिलियन एसयूवी बिकीं। इसके बाद अमेरिका, भारत और जर्मनी में सबसे ज्यादा एसयूवी की सेल होना बताया जा रहा है। बता दें 2024 में भारतीय बाजार में कुल 43 लाख एसयूवी गाड़ियों की बिक्री हुई है।
एसयूवी कार के फायदे और नुकसान
एसयूवी कार के कई फायदे हैं, जैसे कि इनमें हैचबैक के मुकाबले अधिक जगह होती है। इसमें ड्राइवर और रियर सीट पर बैठने वालों को बेहतर व्यू मिलता है। इसके अलावा ऑफ-रोड पर इसमें ज्यादा झटके नहीं लगते हैं। एसयूवी गाड़ियों में कमियों की बात करें तो इसमें ईंधन का खर्च अधिक आता है। इसकी कीमत हैचबैक और सेडान से ज्यादा होती है। खरीद के बाद इसका रखरखाव और मरम्मत लागत भी अधिक है। कार को कम जगह से मोड़ने में दिक्कत होती है, ये सेडान के मुकाबले कम आरामदायक होती हैं।
2016 में बिकने वाली हर 10 कार में 2 गाड़ियां एसयूवी थीं
सोसाइटी ऑफ इंडियन मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार इंडियन बाजार में अब हैचबैक से ज्यादा एसयूवी गाड़ियों की डिमांड है। 2000-2010 के दशक में महिंद्रा बोलेरा और स्कॉर्पियो की डिमांड थी। धीरे-धीरे बाजार में सभी कार निर्माताओं ने इस सेगमेंट में अपनी गाड़ियां पेश की। 2024 में बिकने वाली हर 10 में से 6 कारें एसयूवी हैं। जबकि 2016 में बिकने वाली हर 10 में से केवल 2 गाड़ियां एसयूवी थीं।
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