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ऐसे सेट करें बाइक का रियर व्यू मिरर, एक छोटी गलती भी बन सकती है बड़े हादसे की वजह

बाइक या स्कूटर चलाते समय रियर व्यू मिरर की सही पोजीशन बहुत जरूरी होती है. इस खबर में आसान भाषा में बताया गया है कि रियर व्यू मिरर कैसे सेट करें और किन गलतियों से बचें, ताकि आपकी हर राइड ज्यादा सुरक्षित बने.

Photo- Freepik

बाइक चलाते समय अक्सर हम हेलमेट, ब्रेक और इंडिकेटर पर तो ध्यान देते हैं, पर एक जरूरी चीज को भूल जाते हैं- रियर व्यू मिरर. यही छोटा सा शीशा हमारी आंखों की तरह काम करता है. अगर ये सही तरीके से सेट रहता है तो हादसा होने का चांस बेहद कम हो जाते है. इसलिए आज हम आपको आसान भाषा में बताएंगे कि बाइक या स्कूटर का रियर व्यू मिरर कैसे सेट करें, ताकि आपकी हर राइड ज्यादा सुरक्षित बने.

सही पोजीशन से करें शुरुआत

रियर व्यू मिरर सेट करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आप बाइक पर बिल्कुल उसी पोजीशन में बैठे हों, जैसे आमतौर पर चलाते वक्त बैठते हैं. टेढ़े होकर या खड़े होकर मिरर सेट करने से सही एंगल सही नहीं बनता, और इसे परेशानी हो सकती है.

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पहले मिरर को अंदर की ओर घुमाएं

अब मिरर को धीरे-धीरे अंदर की ओर मोड़ें. इसे तब तक घुमाते रहें, जब तक मिरर के किनारे पर आपकी कोहनी या कंधे का हल्का सा हिस्सा दिखाई न देने लगे. यह पोजीशन आपको यह समझने में मदद करती है कि मिरर सही तरफ जा रहा है की नहीं.

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फिर बाहर की ओर एडजस्ट करें

जब आपकी कोहनी या कंधा नजर आने लगे, तो मिरर को अब थोड़ा बाहर की ओर घुमाना शुरू करें. तब तक घुमाएं, जब तक आपकी कोहनी पूरी तरह दिखाई देना बंद न हो जाए. इससे बाइक के साइड और पीछे की सड़क साफ दिखने लगती है और ब्लाइंड स्पॉट बेहद हद तक खत्म हो जाता है.

ब्लाइंड स्पॉट कम होने का फायदा

सही तरीके से लगाए गए मिरर का फायदा है कि पीछे से आने वाला वाहन पहले मिरर में दिखता है और फिर धीरे-धीरे आपकी नजर के सामने आता है. इससे ओवरटेक के समय आपको पहले से अंदाजा मिल जाता है.

पीछे की लेन दिखेगी ज्यादा साफ

जब मिरर सही एंगल पर सेट होता है, तो आपको केवल अपनी बाइक का हिस्सा नहीं, बल्कि सड़क का पूरा नजारा मिलता है. इससे लेन बदलते वक्त या मोड़ लेते समय आपको ज्यादा भरोसेमंद जानकारी मिलती है.

ये गलतियां बिल्कुल न करें

कभी भी खड़े होकर या झुककर मिरर सेट न करें. हमेशा सीट पर बैठकर ही एंगल सेट करें. इसके अलावा समय-समय पर यह भी जांचते रहें कि मिरर ढीला तो नहीं हो गया है, क्योकि इससे भी परेशानी हो सकती है.

राइडिंग के दौरान बार-बार मिरर देखने की आदत डालें. लेन बदलते समय इंडिकेटर जरूर ऑन करें और स्पीड कम करके आसपास के हालात पर नजर डालें. यह छोटी सी सावधानी आपको बड़े हादसे से बचा सकती है.

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