ज्यादा माइलेज पाने के चक्कर में लोग CNG कार खरीद लाते लेकिन जब कार उम्मीद के मुताबिक का माइलेज देने लगती है तब नुकसान होता है। लेकिन CNG कार की कम माइलेज के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ख़राब ड्राइविंग स्टाइल से लेकर सर्विस का छूट जाना इसमें शामिल है। ऐसे में हम आपको कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अगर आपने फॉलो किया तो आपको CNG कार से काफी अच्छी माइलेज मिल सकती है।
टायरों में सही एयर प्रेशर रखें
कार के टायर्स में उतनी ही हवा भरवानी चाहिए जितनी कंपनी ने बताई है। कम या ज्यादा हवा डलवाने से बचना चहिये। अगर टायर में हवा का दबाव कम होगा तो गाड़ी चलाने से रबर और सड़क के बीच घर्षण बढ़ जाएगा। इससे कार के इंजन पर दबाव पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि कार का टायर प्रेशर मेंटेन रखा जाए। इससे कार की माइलेज भी बढ़ेगी।
एयर फिल्टर सफाई बेहद जरूरी
शायद आप जानते नहीं हैं कि एयर फ़िल्टर गंदा होने से माइलेज और परफॉरमेंस पर सबसे गन्दा असर पड़ता है। क्योंकि कार का एयर फिल्टर गंदा हुआ तो यर-फ्यूल मिक्सचर कंबंशन में दिक्कत हो सकती है। इससे इंजन पर दबाव तो पड़ता है, साथ ही ईंधन की खपत भी होती है। इसलिए एयर फिल्टर की सफाई हर महीने जरूरी है।
स्पार्क प्लग का सही होगा जरूरी
CNG कारों को इंजन में इग्निशन प्रोसेस के लिए बढ़िया क्वालिटी वाले स्पार्क प्लग की जरूरत पड़ती है। इसलिए स्पार्क प्लग का सही होना बहुत जरूरी है। क्योंकि CNG वाहनों में इग्निशन तापमान पेट्रोल कार की तुलना में बहुत अधिक होता है। अगर स्पार्क प्लग सही होगा तो इंजन दुरुस्त रहेगा और माइलेज में भी इजाफा होगा। बारिश अब खत्म हो गई है, ऐसे में एक बार अपनी CNG कार की फुल सर्विस जरूर करवा लें.. ऐसा करने से आपकी कार दुरुस्त रहेगी।
क्लच इस्तेमाल सही से करें
CNG कार चलाते समय क्लच का गलत इस्तेमाल माइलेज के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अगर बेहतर माइलेज चाहते हैं तो क्लच को सही और समय पर इस्तेमाल करें। बिना वजह क्लच का इस्तेमाल फ्यूल की खपत को बढ़ा देता है। इतना ही नहीं घिसा हुआ क्लच कार की माइलेज को कम कर देता है। इससे कम एफिशियंसी और अधिक ईंधन खपत भी होती है। काफी अधिक ईंधन की खपत होने से कार कम माइलेज देती है।
हमेशा ट्रांसमिशन फ्लुइड चेक करें
CNG कार की माइलेज में इजाफा करने के लिए समय-समय पर ट्रांसमिशन फ्लुइड की जांच करते रहना बहुत जरूरी है। यह काम लोकल जगह से नहीं करवाना चाहिए। हमेशा कोशिश करें कि किसी पेशेवर मैकेनिक की मदद से ट्रांसमिशन फ्लुइड की जांच कराएं।
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