| वाहन प्रकार | मिनरल ऑयल | सिंथेटिक ऑयल |
| बाइक | हर 3,000-5,000 किमी (3-6 महीने) | हर 7,000-10,000 किमी (6-12 महीने) |
| पेट्रोल कार | हर 7,000-10,000 किमी (6-12 महीने) | हर 10,000-15,000 किमी (12-18 महीने) |
| डीजल कार | हर 5,000-7,000 किमी (6-10 महीने) | हर 10,000-12,000 किमी (12-18 महीने) |
| SUV/कमर्शियल गाड़ियाँ | हर 5,000-7,000 किमी | हर 10,000-15,000 किमी |
जानें इंजन ऑयल बदलने का सही समय
- ऑयल का रंग काला और गाढ़ा हो गया हो।
- इंजन से अजीब आवाज़ (रफ साउंड) आ रही हो।
- पिकअप और माइलेज कम हो रहा हो।
- एक्सेलरेशन धीमा महसूस हो रहा हो।
- ऑयल का लेवल कम हो गया हो (डिपस्टिक से चेक करें)।
कौन सा इंजन ऑयल बेहतर है? (Mineral vs Synthetic)
| फीचर | मिनरल ऑयल | सिंथेटिक ऑयल |
| परफॉर्मेंस | साधारण | हाई परफॉर्मेंस |
| लाइफ | 3,000-7,000 किमी | 10,000-15,000 किमी |
| कीमत | सस्ता | महंगा |
| इंजन सुरक्षा | कम | ज्यादा |
| फ्यूल एफिशिएंसी | नॉर्मल | बेहतर माइलेज |
एक्स्ट्रा टिप्स
- ऑयल चेंज के साथ ऑयल फ़िल्टर भी बदलवाना चाहिए।
- हमेशा अच्छी क्वालिटी और सही ग्रेड का इंजन ऑयल इस्तेमाल करें।
- लॉन्ग ट्रिप से पहले ऑयल लेवल ज़रूर चेक करें।
- पुराने या कम ऑयल से इंजन की लाइफ कम हो सकती है और माइलेज भी घट सकता है।