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Kaal Sarp Dosh: कुंडली में कालसर्प योग क्या होता है? जानें इसके प्रकार और बचने के खास उपाय

Kaal Sarp Dosh: कुंडली का काल सर्प दोष बेहद अशुभ माना जाता है। कुंडली के इस दोष की वजह से व्यक्ति को 35 वर्ष की आयु तक अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं काल सर्प योग के कारण और निवारण।

Kaal Sarp Dosh
Kaal Sarp Dosh: हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सांप के सिर को राहु कहा जाता है और सांप की पूंछ को केतु। ये दोनों एक दूसरे के विपरीत 180 डिग्री पर स्थित हैं और कभी एक साथ नहीं मिलते हैं। राहु और केतु छाया ग्रह हैं। इनका कोई ठोस रूप नहीं होता और न ही इन्हें नंगी आंखों या दूरबीन से देखा जा सकता है। यदि राहु और केतु के बीच सातों ग्रह आ जाएं तो इसे कालसर्प योग कहा जाता है। वहीं अगर, केतु और राहु के बीच सातों ग्रह आ जाएं तो इसे काल अमृत योग कहा जाता है।

काल सर्प योग का ज्योतिष में महत्व

काल सर्प योग के प्रभाव काल सर्प योग जातक को अपना फल देने के लिए कुंडली में अन्य अच्छे योगों को रोक देता है। काल सर्प योग से प्रभावित किसी भी व्यक्ति को 35 वर्ष की आयु तक बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें बहुत अधिक मानसिक बेचैनी, निराशावादी विचार और जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। उन्हें अक्सर सपने में सांप दिखाई देते हैं। जीवन को स्थिर बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। इन्हें अपने ही लोगों से धोखा मिलता है। कुछ लोग अपने परिवार से अलग हो जाते हैं और अपने मूल स्थान से दूर रहने लगते हैं। खासतौर पर अगर राहु या केतु की दशा हो तो व्यक्ति को काफी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग बुरी आदतों के आदी हो जाते हैं और अवैध गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। यहां तक ​​कि इनके दोस्त और रिश्तेदार भी इन्हें धोखा दे सकते हैं। उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और अपने जीवन के पहले भाग में व्यवस्थित होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। यह भी पढ़ें: करवा चौथ पर पूजा के लिए आज ही तैयार कर लें जरूरी पूजा-सामग्री, तभी पूरी होगी मनोकामना

काल सर्प दोष के उपाय

किसी को काल सर्प योग से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस दोष के निवारण के लिए ज्योतिष शास्त्र में खास उपाय बताए गए हैं। दरअसल कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है ऐसे में जल्द से जल्द इसका निवारण होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं काल सर्प दोष के उपाय। काल सर्प दोष से पीड़ित जातकों को घर या मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर जल या दूध से अभिषेक करना चाहिए। प्रत्येक महीने में प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है। इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। रोजाना महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। हनुमान चालीसा का रोजाना 11 बार पाठ करना चाहिए। कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखने चाहिए। यह भी पढ़ें: करवा चौथ पर कुछ ऐसे शुरू हुई सरगी की परंपरा, पढ़िए इसकी कथा
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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