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Vivah Panchami: भारत में होते हैं 8 प्रकार के विवाह, आप किस तरह शादी करना चाहेंगे?

Vivah Panchami: पूरे विश्व में विवाह को जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पल माना गया है। इस एक पल में व्यक्ति कई नए रिश्तों में जुड़ जाता है। उसकी प्राथमिकताएं और रुचियां बदल जाती हैं। यदि हम आज की बात करें तो हमें केवल दो तरह के विवाह- (1) लव मैरिज और (2) अरेंज […]

Vivah Panchami: पूरे विश्व में विवाह को जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पल माना गया है। इस एक पल में व्यक्ति कई नए रिश्तों में जुड़ जाता है। उसकी प्राथमिकताएं और रुचियां बदल जाती हैं। यदि हम आज की बात करें तो हमें केवल दो तरह के विवाह- (1) लव मैरिज और (2) अरेंज मैरिज की ही बात सुनते हैं। परन्तु क्या आप जानते हैं कि प्राचीन शास्त्रों में 8 प्रकार के विवाह बताए गए हैं। यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है, परन्तु यही सत्य है। विवाह करने की पद्धति के आधार पर उन्हें अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है। यहां इस पोस्ट में आप जानेंगे कि विवाह के ये 8 प्रकार कौनसे हैं और किस तरह संपन्न किए जाते हैं। यह भी पढ़ें: Surya ke Upay: रविवार को कर लें यह एक काम तो फटाफट होगा प्रमोशन, बढ़ेगी तनख्वाह

प्राचीन शास्त्रों में हैं 8 प्रकार के विवाहों का वर्णन (Vivah Panchami and 8 Types of Marriage in Hindu)

कामसूत्र सहित अन्य सभी शास्त्रों में आठ प्रकार के विवाह बताए गए हैं। इनके नाम क्रमशः ब्रह्म, दैव, आर्य, प्रजापत्य, गंधर्व, असुर, राक्षस और पिशाच बताए गए हैं। इन सभी में ब्रह्मा और दैव विवाह पद्धति को सर्वोत्तम माना गया है। आर्ष, प्रजापत्य एवं गंधर्व विवाह को मध्यम तथा शेष विवाहों को अशुभ व निकृष्टतम माना गया है। आइए जानते हैं कि इन सभी में क्या अंतर हैं।

ब्रह्म विवाह

इस विवाह में कन्या एवं वर की आपसी सहमति से विवाह निश्चित कर कन्यादान करने को ही ब्रह्म विवाह कहा जाता है। इसे सर्वोत्तम बताया गया है।

दैव विवाह

इस विवाह पद्धति में किसी उद्देश्य के लिए कन्या का विवाह उसकी सहमति से किसी विशेष वर से करवा दिया जाता है। इसे दैव विवाह कहा जाता है।

आर्ष विवाह

इसमें वर पक्ष वधू के परिजनों को गाय अथवा अन्य कीमती सामान देकर विवाह करता है। यह भी पढ़ें: क्या आप भी जानते हैं? जिन्न से जुड़ी ये 9 रोचक बातें, इत्र की खुशबू और मीठा करता है आकर्षित

गंधर्व विवाह

इस विवाह में स्त्री और पुरुष आपसी सहमति से एक-दूसरे से विवाह कर लेते हैं। आधुनिक समाज में इसे लव मैरिज भी कहा जा सकता है।

प्रजापत्य विवाह

इसमें कन्या के परिजन उसका विवाह बिना उसकी सहमति के किसी धनी अथवा शक्तिशाली वर के साथ कर देते हैं। उसमें मध्यम विवाह माना गया है।

असुर विवाह

इस प्रकार का विवाह कुछ जनजातियों में होता है। इसमें वर कन्या के परिजनों को कुछ धन देकर कन्या को खरीद लेता है और उससे विवाह करता है।

राक्षस विवाह

इस विवाह में किसी कन्या का अपहरण करके उससे विवाह किया जाता है। इसे निकृष्ट स्तर का विवाह माना गया है।

पैशाच विवाह

इस प्रकार के विवाह में कन्या को बेहोशी/ नशे की अवस्था में या किसी अन्य प्रकार से विवश कर उससे बलात्कार किया जाता है। इस विवाह के लिए शास्त्रों में स्पष्ट मनाही की गई है। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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