कहां स्थित है स्याही देवी माता मंदिर
उत्तराखंड से अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर शीतलखेत की ऊंची पहाड़ियों पर जंगल के बीच माता स्याही देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है। माना जाता है कि माता का यह मंदिर आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। माता स्याही देवी मंदिर से जुड़ी खास बात यह है कि यहां देवी की प्रतिमा दिन में तीन बार स्वरूप बदलती है। मतबल यहां पर माता के तीन स्वरूप नजर आते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में सुबह के समय माता सुनहरे रंग में दिखाई देती हैं। साथ ही दिन में काला और शाम के समय माता सांवले रंग में दर्शन देती है।स्वामी विवेकानंद ने भी की थी यहां तपस्या
स्याही देवी मंदिर से जुड़ी एक अन्य मान्यता यह भी है कि इसका निर्माण कत्यूरी शासन काल में हुआ था। साथ ही कत्यूरी राजाओं ने इस मंदिर को एक रात में बनवाया था। कहा जाता है कि पहले यह मंदिर वर्तमान स्थान से तकरीबन आधा किलोमीटर दूर घने जंगल में था। उस वक्त वहां जंगली जानवरों का भय रहता था, इसलिए बहुत कम भक्त ही यहां पहुंच पाते थे, इसलिए कालांतर में इस मंदिर को शीतलखेत की उंची पहाड़ियों पर लाया गया। इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यता है कि यहां कुछ दिनों तक स्वामी विवेकानंद ने भी तपस्या की थी। यह भी पढ़ें: 4 नवंबर के बाद का समय 5 राशियों के लिए वरदान! होगा जॉब में प्रमोशन और कारोबार में अकूत धन लाभ
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