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आखिर यूपी के 700 गावों में क्यों नहीं होती चने की खेती? माता सीता ने दिया था श्राप!

Sita Shraap Story: माता सीता जब जनकपुर से अयोध्या जा रही थीं तो उस दौरान उनके पैर में चने की खूंटी चुभ गई थी। मान्यता है कि सीती जी ने किसानों को श्राप दे दिया।

सीता माता के श्राप की कथा।
Sita Shraap Story in Hindi: उत्तर प्रदेश एक गांव ऐसा है जहां लोग चने की खेती तो करते हैं, मगर उपज नहीं होती। कहा जाता है कि यूपी के बस्ती में आने वाले हर्रैया तहसील के 700 गांव ऐसे हैं जहां आज भी चने की खेती नहीं होती। ऐसा इसलिए, क्योंकि मान्यता है कि जब माता सीता जनकपुर से अपने ससुराल जा रही थीं तो उस दौरान उनके पैर में चने की खूंटी पैर में चुभ गई। मान्यतानुसार, इसके बाद माता सीता ने स्थानीय किसानों को श्राप दे दिया। मान्यतानुसार, चने की खेती से जुड़े माता सीता के इस श्राप के बारे में विस्तार से जानते हैं। हालांकि, चने की खेती से जुड़ी इस मान्यता के बारे में स्थानीय लोग भी खुलकर बताते हैं। लोगों का कहना है कि मनोरमा व सरयू नदी के किनारे बसे 700 गांव को अगर छोड़ दिया जाए तो दूसरी जगहों पर चने की खेती भरपूर होती है।

त्रेता युग से नहीं होती है चने की खेती

पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस क्षेत्र में त्रेता युग से ही चने की खेती नहीं होती है। इसके बारे में कहानी कुछ इस प्रकार है कि भगवान राम सीता जी के साथ जनकपुर से अयोध्या लौट रहे थे। जिस रास्ते से वे जा रहे थे, उसी मार्ग में किसान के खेत में चने की फसल काटी गई थी। मगर, चने के खूंट खेत में ही पड़ी थी। यह भी पढ़ें: सीता माता का यह मंदिर महिलाओं के लिए खास, मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान!

सीता जी के पैर में चुभ गई थी खूंटी

कहते हैं कि चने की एक खूंटी माता सीता के पैर में चुभ गई। जिसके उन्हें अत्यधिक कष्ट हुआ। कष्ट की वजह से माता सीता का मन भी दुखी हो गया। दुखी मन से माता सीता ने श्राप दे दिया कि दुबारा वहां चने की खेती नहीं होगी। साथ ही जो कोई चने की खेती करेगा उसका अच्छा नहीं होगा।

हो जाता है अनिष्ट

हर्रैया तहसील के स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां चने की खेती ना करने की परंपरा तभी से चली आ रहा है। साथ ही लोग यह भी बताते हैं कि अगर कोई यहां चने की खेती करने की हिम्मत भी करता है तो उसके साथ कुछ ना कुछ अनिष्ट हो ही जाता है।

चने की खेती न करने की है परंपरा

चने की खेती से जुड़ी इस श्राप के बारे में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं कहा जा सकता, मगर परंपरा चली आ रही है कि लोग यहां चने की खेती नहीं करते। चने की खेती को अशुभ मानकर लोग ऐसा करने से बचते हैं। यह भी पढ़ें: Ram Katha: केवट ने क्यों धोए थे श्रीराम के पैर? जानें रहस्य राम कथा
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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