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Valentine’s Day पर है सीताष्टमी, इन उपायों को करते ही फटाफट होगी शादी

Sita Ashtami: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मां सीताजी का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को सीताष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है। वर्ष 2023 में सीताष्टमी का पर्व 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे के दिन आ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार सीताष्टमी का […]

Sita Ashtami: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन मां सीताजी का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन को सीताष्टमी के रूप में भी मनाया जाता है। वर्ष 2023 में सीताष्टमी का पर्व 14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे के दिन आ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार सीताष्टमी का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त होता है। यदि पुरुष इस व्रत को करते हैं तो उन्हें एक आदर्श जीवनसाथी और कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली पत्नी प्राप्त होती है। इसी प्रकार युवतियों को भी योग्य लाइफ पार्टनर मिलता है। यह भी पढ़ें: पलक झपकते किस्मत चमका देंगे ये टोटके, बिना खर्चें पूरे होंगे सारे काम

क्या है सीता के जन्म की कथा (Sita Ashtami Story)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीता को जनकनंदिनी कहा जाता है। वह राजा जनक की पुत्री थी। कथाओं के अनुसार एक बार मिथिला राज्य में भयंकर अकाल पड़ा। लोग भूखे मरने लगे, तब ऋषियों की सलाह पर राजा जनक ने एक यज्ञ करवाया और खेतों में स्वयं हल चलाया। जब वह हल चला रहे थे तब एक स्थान पर उनके हल की नोंक अटक गई। उन्होंने उस जगह खोदकर देखा तो स्वर्ण की एक पेटी में एक नवजात कन्या बंद थी। उन्होंने उस कन्या को गोद लेकर अपनी पुत्री बना लिया और उसका नाम सीता रखा। इस प्रकार सीता का जन्म भूमि से हुआ था।

सीताष्‍टमी पर बन रहें हैं ये शुभ मुहूर्त (Sita Ashtami Muhurat)

जानकी जयंती/सीताष्‍टमी - 14 फरवरी 2023 (मंगलवार) फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ - 13 फरवरी 2023 को सुबह 9.45 बजे अष्टमी तिथि का समापन - 14 फरवरी 2023 को सुबह 9.04 बजे।

दिन का चौघड़िया

सुबह 9.48 बजे से दोपहर 1.59 बजे तक क्रमशः चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया रहेगा। इसके बाद दोपहर 3.23 बजे से 4.47 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। इन मुहूर्तों में कभी भी पूजा की जा सकती है। यह भी पढ़ें: पलक झपकते किस्मत चमका देंगे ये टोटके, बिना खर्चें पूरे होंगे सारे काम

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सीताष्टमी पर करें ये उपाय (Sita Ashtami Ke Upay)

  • सीताष्टमी के दिन भगवान राम और सीता की युगल स्वरूप में तस्वीर अथवा प्रतिमा घर लेकर आएं। इस प्रतिमा का प्रतिदिन पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख बढ़ेगा। पति-पत्नी के बीच कलह दूर होगी।
  • किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए सीताष्टमी पर रुद्राक्ष की माला से 'ॐ जानकी रामाभ्यां नमः' मंत्र का 21 माला (2100 बार) जप करें।
  • यदि किसी कन्या के विवाह में अड़चन आ रही है तो तुलसी के गमले से मिट्टी लेकर भगवान राम और सीता की प्रतिमा बनवाएं। उसका विधिवत पूजन करें और 'श्री राम जय राम जय जय राम' मंत्र का प्रतिदिन 11 माला (1100 बार) जप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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