Shardiya Navratri 2023: सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। नवरात्रि में माता दुर्गा की उपासना की जाती है। इसके साथ ही माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला पर्व हैं। नवरात्रि के नौ दिनों अलग-अलग देवी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिन माता दुर्गा के अस्त्र और शस्त्र उनकी शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक माना गया है।
माना जाता है कि मां दुर्गा बुराई और अधर्म को नष्ट करती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन की सारी बाधाएं और नकारात्मकता खत्म दूर हो जाती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज इस खबर में जानेंगे कि माता दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों का आस्तिक महत्व क्या है और क्या संदेश देता है।
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मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों का आस्तिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों का अस्तित्व महत्व उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक दर्शाता है। मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र आयुध भक्तों को आध्यात्मिक सफलता और सुरक्षा के साथ ही उनकी आदर व भक्ति के प्रतीक होते हैं। मां दुर्गा के आस्तिक महत्व के साथ ही इन अस्त्र-शस्त्रों का यांत्रिक महत्व भी होते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान अनेक स्थानों पर मां दुर्गा के आयुधों की पूजा की जाती है।
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मां दुर्गा के अस्त्र-शस्त्रों का शास्त्रीय महत्व भी हैं। इन अस्त्र-शस्त्रों से भक्तों को असुरों और बुराइयों के प्रति सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इन अस्त्र और शस्त्रों का प्रयोग पारंपरिक तरीकों का सुरक्षा और रक्षा विज्ञान के क्षेत्रों में भी किया जाता है।
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