शनि की दशा से कब होती है हानि
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, शनि उस स्थिति में सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है जब यह कुंडली के अशुभ भावों में स्थिति हो। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, अगर शनि की सूर्य के साथ युति है और वह नीच राशि में है तो जातक को अत्यधिक आर्थिक नुकसान होता है। इस स्थिति में कई बार लोग घोर आर्थिक संकट का भी सामना करते हैं। इसके अलावा शनि से जुड़ी परेशानियां गलत आचरण, अनियंत्रित वाणी, बड़े-बुजुर्गों का निरादर करने और अनावश्यक नीलम धारण करने से भी होती है। यह भी पढ़ें: Shani Transit: 2024 में शनि देव 5 राशियों पर रखेंगी टेढ़ी नजर, जरूर कर लें यह उपायशनि कब बनाता है जातक को धनवान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में शनि अनुकूल स्थिति में है और तीसरे, छठे या 11वें भाव में बैठा है तो जातक आर्थिक रूप से मजबूर रहता है। इसके अलावा अगर शनि देव उच्च होकर अपने घर में बैठे हों तो भी जातक मालामाल हो सकता है। वहीं अगर शनि खास अनुकूल हो और शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो जीवन में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती। इतना ही नहीं, जो जातक अपने माता-पिता से रोज आशीर्वाद प्राप्त करता हो, भगवान शिव और श्रीकृष्ण का प्रिय भक्त हो तो ऐसे में भी आर्थिक हालात नहीं बिगड़ते।शनि की महादशा के उपाय
शनि देव को प्रसन्न करना बहुत कठिन नहीं है। ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का चौमुखी दीप जलाएं। इतना करने के पश्चात् वृक्ष की कम से कम 3 बार परिक्रमा करें। फिर शनि के तांत्रिक मंत्र "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें। ध्यान रहे कि मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। यह सब करने के बाद पूजन के अंत में किसी निर्धन व्यक्ति को सिक्के का दान करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।