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Shani in Kundali: शनिदेव कब देते हैं अपार धन, कब करवाते हैं नुकसान; कुंडली में छिपा है ये राज

Shani in Kundali: वैदिक ज्योतिष में शनि देव हमारे कर्मों के अनुसार जीवन में धन और कष्ट दोनों दे सकते हैं. लेकिन सवाल यह है, कब शनि देंगे अपार धन और कब करवाएंगे आर्थिक नुकसान? आइए जानते हैं, कुंडली में शनि कब अनुकूल होते हैं या कब अशुभ?

Shani in Kundali: वैदिक ज्योतिष में शनि देव का महत्व अत्यधिक माना जाता है. शनि हमारे कर्मों के अनुसार जीवन में अच्छे-बुरे अनुभव देते हैं. कुंडली में शनि का सही स्थान हमारी आर्थिक स्थिति, नौकरी और व्यवसाय पर सीधा असर डालता है. शनि मनुष्य के कर्मों और प्रयासों के अनुसार धन का लाभ या हानि करवाते हैं. अगर शनि कुंडली में अनुकूल हों, तो वे लंबी अवधि में स्थायी और अपार धन देते हैं. वहीं, नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक आर्थिक कष्ट दे सकते हैं. आइए जानते हैं, शनिदेव कब देते हैं अपार धन, कब करवाते हैं नुकसान?

शनि से कब होती है धन हानि?

अशुभ भाव में शनि: अगर शनि कुंडली में ऐसे घर में हो जो धन, आय या संपत्ति के लिए अशुभ माना जाता है.

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सूर्य के साथ युति: शनि जब सूर्य के साथ स्थित होता है, तो आर्थिक मोर्चे पर परेशानियाँ आ सकती हैं.

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साढ़ेसाती या ढैया का असर: शनि की इन अवधि में व्यक्ति को पैसों की हानि या मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है.

गलत रत्न पहनना: बिना सलाह के नीला या अन्य शनि रत्न पहनने से भी आर्थिक नुकसान हो सकता है.

इन परिस्थितियों में शनि जीवन में कठिनाई और आर्थिक संघर्ष लाते हैं, लेकिन यह हमें संयम और मेहनत की सीख भी देते हैं.

शनि से कब होता है धन लाभ?

अनुकूल भाव में शनि: अगर शनि कुंडली में तीसरे, छठे या 11वें भाव में बैठे हों, तो आर्थिक लाभ की संभावना बढ़ जाती है.

उच्च का शनि: उच्च राशि में स्थित शनि स्थिर और स्थायी संपत्ति देते हैं.

सकारात्मक योग: जब शनि मजबूत और शुभ ग्रहों के साथ हों, तो नौकरी, व्यापार और निवेश में फायदा होता है.

आपको बता दें कि कुंडली में शनि ग्रह स्थित होने और उसके अनुकूल प्रभाव से व्यक्ति में धैर्य, संयम और दूरदर्शिता आती है. यही गुण आर्थिक सफलता दिलाते हैं.

करें शनिदेव से धन संबंधी ये उपाय

  • नौकरी में लाभ: शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का चौमुखी दीपक जलाएं. वृक्ष की तीन बार परिक्रमा करें और शनि बीज मंत्र का जाप करें. इससे नौकरी में स्थिरता और पदोन्नति मिलती है.
  • व्यवसाय में लाभ: सूर्योदय से पहले पीपल वृक्ष में जल डालें. शाम को उसी स्थान पर एकमुखी दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें. इससे व्यापार में वृद्धि और वित्तीय लाभ होते हैं.
  • धन की बचत: हर माह अपनी आय का छोटा हिस्सा सरसों का तेल या काली दाल दान करें. लोहे का सिक्का काले कपड़े में बांधकर अंधेरे कोने में रखें. इससे पैसों की हानि कम होती है और बचत में मदद मिलती है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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