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मां लक्ष्मी का यह व्रत जातकों को दिलाता है हर सुख, वैभव लक्ष्मी व्रत से जुड़े ये हैं खास नियम

Rule and Importance of Vaibhav Laxmi Vrat: मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत करना उत्तम और शुभ फलदायी होता है। हालांकि इस व्रत के कठोर नियम होते है। मां लक्ष्मी एक बार किसी इंसान पर मेहरबान हो जाएं तो घर में अन्न-धन के भंडार भर जाते हैं।

 Rule and Importance of Vaibhav Laxmi Vrat: हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन,यश और वैभव की देवी के रूप में पूजा जाता है। इनकी कृपा से इंसान की जिंदगी में आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। धार्मिक शास्त्रों में धन की देवी मां लक्ष्मी के कई नामों और इनके कई अलग-अलग स्वरूपों का भी वर्णन किया गया है। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत करना उत्तम और शुभ फलदायी होता है। हालांकि इस व्रत के कठोर नियम होते है। मां लक्ष्मी एक बार किसी इंसान पर मेहरबान हो जाएं तो घर में अन्न-धन के भंडार भर जाते हैं। मां लक्ष्मी की उपासना करके उनकी कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है। यह मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से ही एक है। ज्योतिष के अनुसार वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आइए जानते हैं कि वैभव लक्ष्मी व्रत कब, कैसे करें और इससे जुड़े खास नियम क्या-क्या हैं

शुक्रवार को किया जाता है, यह व्रत 

वैभव लक्ष्मी का व्रत शुक्रवार को रखा जाता है।  यह व्रत स्त्री-पुरूष दोनों ही रख सकते हैं। यह व्रत व्यापार में वृद्धि और धन में बढ़ातरी होती है।  व्रत में श्री यंत्र की पूजा विशेष होती है। वैभव लक्ष्मी की पूजा में विशेष रूप से सफेद वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है।

व्रत करने के नियम

धन की प्राप्ति के  लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत 8 शुक्रवार को रखें। मां लक्ष्मी के अष्ट स्वरूप की उपासना करें या धन लक्ष्मी के स्वरूप की पूजा करें। दिन के पहर में केवल जलाहार या फलाहार रहें।  शाम को भी अन्न का सेवन न करें। शाम के समय मां लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक प्रजवल्लित करे। और "ॐ श्रीं श्रीयै नमः" मंत्र का 11 माला जाप करें। मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल इत्र समर्पित करें। यह भी पढ़े: वक्रतुंड चतुर्थी ‘शिव’ योग समेत 6 दुर्लभ संयोग! पूजन से मिलेगा कई गुना अधिक फल

व्रत की पूजन विधि 

व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लेने के बाद एक मुट्ठी चावल और जल से भरा हुआ तांबे का लोटा साफ प्लेट में देवी की प्रतिमा के पास रख दें। देवी को दीप, धूप, सुगंध और श्वेत फूल अर्पित करें।शुक्रवार व्रत कथा सुनें। व्रत के दिन खीर से माता को भोग लगाना चाहिए। यह भी पढ़े: Karva Chauth 2023: पति का चेहरा छलनी में ही क्यों देखा जाता है? जानें इसका महत्व और इतिहास

 व्रत की समापन विधि

व्रत का उद्यापन करने के लिए वैभव लक्ष्मी व्रत कथा की किताब और कुछ दक्षिणा दान करे। कन्या भोज कराएं। सूर्यास्त होने के बाद व्रत का समापन होता है। प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी का व्रत समाप्त करना चाहिए।

पूजा में श्रीयंत्र का प्रयोग

इस दिन उर्ध्वमुखी श्रीयंत्र की फोटो अपने काम या पढ़ने की जगह पर लगाएं। श्रीयंत्र की फोटो रंगीन हो तो ज्यादा अच्छा होगा। श्रीयंत्र को आपनी आंखों के ठीक सामने दीवार पर लगाए। जहां भी श्रीयंत्र को स्थापित करें, वहां गंदगी न फैलाएं। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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