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जो 44 साल से मौन, वो ‘मौनी बाबा’ कौन? जो श्रीराम के बड़े भक्त, 22 को लेंगे बड़ा फैसला

Ram Mandir Inauguration: इस संसार में श्रीराम के अनन्य भक्त हैं, लेकिन क्या आपने ऐसे भक्त के बारे में सुना है, जो 44 सालों से मौन है। अगर नहीं तो आज इस खबर में श्रीराम के ऐसे भक्त के बारे में बताने वाले हैं।

राम मंदिर का उद्घाटन
Ram Mandir Inauguration:  राम सिया राम... की कड़ी में हम हर रोज श्रीराम जी से जुड़े किस्सों के बारे में बता रहे हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला का अभिषेक होने वाला हैं। ऐसे में पूरी अयोध्या नगरी दुल्हन की तरह सजाई गई हैं। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी जगह से राम भक्त आ रहे हैं। आज इस खबर में श्रीराम के एक ऐसे भक्त के बारे में बताने वाले हैं, जो 44 साल से अभी तक मौन रहें। जी हां श्रीराम के एक ऐसा भक्त 1980 से अब तक मौन रहा है। जिनका नाम मौनी बाबा बताया जा रहा है। 44 साल से रहे मौन "मौनी बाबा" माना जा रहा है कि यह बाबा 10 साल की उम्र में ही मौन व्रत धारण कर लिया था। मिली जानकारी के मुताबिक मौनी बाबा अब 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन में श्रीराम का नाम लेंगे और अपना चुप्पी तोडेंगे। बाबा की इस अनन्य भक्ति से सभी लोग हैरान हैं। मौनी बाबा का बचपन का नाम मोहन गोपाल दास रखा था। बता दें कि मौनी बाबा अपने आप को अभिव्यक्त करने के लिए चाक और स्लेट का प्रयोग करते हैं और बहुत कम ही कागज और कलम का उपयोग करते हैं। यह भी पढ़ें- कौन हैं चार शंकराचार्य, अयोध्या मंदिर को लेकर जिनके नाम पर हो रही चर्चा मौनी बाबा 1984 से लेकर अब तक नंगे पैर पर घूम रहे हैं, उनका संकल्प हैं कि जब तक भगवान श्रीराम अयोध्या के सिंहासन पर विराजमान नहीं होंगे, तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे। बाबा का यह संकल्प अब 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार को पूरा हो जाएगा। प्रभु श्रीराम के एक भी अनन्य भक्त हैं, जो मौन व्रत धारण कर लिया है।

30 साल से अधिक मौन रही "मौनी माता"

वहीं दूसरा भक्त झारखंड के धनबाद की रहने वाली महिला है, जो 30 साल पहले ही मौन व्रत कर लिया था। यह भी मौनी बाबा की तरह मौनी माता के नाम से जानी जाती है। पहले मौनी माता का बचपन का नाम सरस्वती देवी था। मौन व्रत धारण करने के बाद सरस्वती देवी मौनी माता का रूप ले लिया। मौनी माता भी 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद व्रत तोड़ेंगी। यह भी पढ़ें- Ram Katha: केवट ने क्यों धोए थे श्रीराम के पैर? जानें रहस्य 


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