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Pradosh Vrat 2024: आज है प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शिव पंचाक्षर मंत्र

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन महादेव को प्रसन्न करने के लिए पंचाक्षर मंत्र का जाप करना चाहिए। जो लोग पंचाक्षर मंत्र का जाप करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है।

pradosh vrat 2024
Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में भगवान शिव को आराध्य देव माना गया है। मान्यता है कि जिन लोगों पर भगवान शिव की कृपा होती हैं उनके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है। साथ ही जीवन खुशहाल रहता है। बता दें कि इस समय माघ माह का अंतिम चरण चल रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, त्रयोदशी के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। बता दें कि माघ माह के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भक्त महादेव की शरण में आने के लिए विधि-विधान से पूजा करते हैं साथ ही व्रत भी रखते हैं। आज इस खबर में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र के बारे में जानेंगे।

कब है प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। बता दें कि त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 21 फरवरी यानी आज सुबह 11 बजकर 27 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन यानी 22 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत के दिन निशिता काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसलिए पूजा का समय 21 फरवरी को शाम 6 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 बजकर 47 तक रहेगा। इस समय भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी पूजा-पाठ को करने से पहले निवृत्त होना चाहिए। साथ ही स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। निवृत्त होने के बाद व्रत को रखने के लिए जल से आचमन करें साथ ही संकल्प भी लें। प्रदोष व्रत वाले दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, शमी की पत्ती आदि अर्पित करना शुभ माना गया है। पूजा करते समय भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ओम नमः शिवाय मंत्र का 11 बार जाप करें। साथ ही महादेव की कृपा पाने के लिए शिव चालीसा, शिवाष्टकम् स्त्रोत और शिव पुराण का पाठ करें।

प्रदोष व्रत के दिन करें चमत्कारी मंत्र का जाप

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

पंचाक्षर मंत्र

ॐ नमः शिवाय

शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।। यह भी पढ़ें- माघ पूर्णिमा के दिन सभी दोषों से मुक्ति पाने के लिए गाय को खिलाएं यह चमत्कारी चीज यह भी पढ़ें-  दैत्यों के सेनापति राहु ने बदली अपनी चाल, साल 2025 तक 3 राशियां काटेंगी चांदी
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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