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पितृ पक्ष के दौरान 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक भूलकर भी ना करें ये काम, नहीं तो पितर हो जाएंगे नाराज!

Pitru Paksha Mistakes: पितृ पक्ष के 15 दिन पतरों को समर्पित हैं। इस दौरान पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और दान किए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष इस साल 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होते हैं। जिसका […]

Pitru Paksha Mistakes
Pitru Paksha Mistakes: पितृ पक्ष के 15 दिन पतरों को समर्पित हैं। इस दौरान पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और दान किए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष इस साल 29 सितंबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होते हैं। जिसका समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। शास्त्रीय मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान जो कोई अपने पूर्वजों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान करते हैं, उन्हें अपने पूर्वजों का विशेष आशीर्वाद मिलता है क्योंकि पतृ तर्पण से संतुष्ट होकर पितर देव लोग गमन कर जाते हैं। वहीं शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में कुछ कार्य नहीं करने चाहिए। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में।

पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी ना करें ये काम

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष में कोई नया कार्य करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने से भी परहेज करना चाहिए। दरअसल मान्यता है कि पितृ पक्ष पितरों के प्रति शोक प्रकट करने का वक्त होता है। ऐसे में इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से शुभ फल नहीं मिलता है। इतना ही नहीं इस दौरान ऐसा करने से पितर दोष लगता है। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान ये कार्य ना करें।
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  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,पितृ पक्ष के दौरान ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी अच्छी नहीं रहती है। यही वजह है कि पितृ पक्ष में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से मना किया जाता है।
  • ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान ग्रह-नक्षत्रों की दशा खराब होने की वजह से मन अशांत रहता है। जिसकी वजह से जातक को किसी कार्य में मन नहीं लगता है। ऐसे में जब मन खुश नहीं रहेगा तो कार्य के अच्छे परिणाम की कल्पना करना भी व्यर्थ ही है।
  • धर्म-शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि पितृ पक्ष में दबाव में आकर श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान और दान करना भी सख्त मना है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं। जिस कारण पितृ दोष जैसे कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखें।
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  • कहा जाता है कि पितृ पक्ष में वही कार्य किए जाने चाहिए जो श्रद्धापूर्वक कर सकें। दरअसल ऐसा करने से पितरों की भटकती आत्मा को शांति मिलती है। जिसके परिणामस्वरूप पितरों का विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। ऐसे में पितृ पक्ष में इस बात का विशेष ध्यान रखें।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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